छत्तीसगढ़: मंत्री रविन्द्र चौबे ने पेश किया कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक...कहा...नए कृषि कानून पर पूरे देश की निगाह

विधानसभा की विशेष सत्र में राज्य के नए कृषि कानून को लेकर सदन में चर्चा

Update: 2020-10-27 10:15 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | छत्तीसगढ़ विधानसभा की विशेष सत्र में राज्य के नए कृषि कानून को लेकर सदन में चर्चा हो रही है। विपक्ष ने सदन में राज्य के कृषि विधेयक में बदलाव के लिए संशोधन और समय की मांग की है। वहीं कृषि कानून को लेकर विपक्ष द्वारा जताई गई आपत्ति पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि यह कानून केंद्र की कृषि कानून के खिलाफ नहीं हैं।

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि केंद्र सरकार क्या देश की मंडियों को वालमार्ट बनाकर अडानी-अम्बानी को देना चाहती है? अम्बानी-अडानी जब बाजार का उतार चढ़ाव तय करेंगे तो किसान कहाँ जाएंगे. ये हमारी नैतिक जिम्मेदारी दी है, यह हमारा लोकतांत्रिक दायित्व है कि हम अपनी सीमा में रहकर कानून बनाये. उन्होंने कहा कि हम केंद्र के कानून का उल्लंघन नहीं कर रहे हैं. यह कानून किसानों की मदद के लिए है. इस वक़्त देश की निगाहे छत्तीसगढ़ की ओर है. लोग देख रहे हैं कि छत्तीसगढ़ कैसा कानून बना रहा है. केंद्र के इस कानून का आधार आर्थिक रूप से है, जबकि हमारा आधार किसानों की हितों का संरक्षण है.

विपक्ष के विरोध पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि इस विधेयक में विज्ञापन की कोई जरूरत नहीं होगी। सदन ने विपक्ष सदस्यों ने इस पर आपत्ति सुनी। विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने कहा कि इस विधेयक में किसी विज्ञापन की जरूरत नहीं है। सदन ने सरकार का पक्ष और विपक्षी सदस्यों की आपत्ति सुनी। छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक 2020 को पुन: स्थापन की अनुमति दी है।

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