छत्तीसगढ़ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस ली, जानिए क्या है वजह
छग
रायपुर। केंद्रीय पर्वतन निदेशालय (ईडी) के छापो के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी याचिका वापस ले ली है। आज सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को याचिका वापस लेने की अनुमति देते हुए केस को डिस्पोज कर दिया। छत्तीसगढ़ सरकार ने ईडी के खिलाफ इसी वर्ष अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। राज्य सरकार ने अपनी याचिका में ईडी के साथ ही आयकर विभाग, भारत सरकार और कर्नाटक के सचिव को पार्टी बनाया था। यह मामला न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एसवीएन भाठी की पीठ में सुनवाई के लिए रखा गया था। अभी मामले की सुनवाई पूरी तरह शुरू नहीं हो पाई थी। इस बीच राज्य सरकार ने याचिका वापस लेने के लिए आवेदन लगा दिया।
इस पर आज कोर्ट में सुनवाई हुई और कोर्ट ने राज्य सरकार को याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी। सूत्रों के अनुसार मामला कोयला घोटला से संबंधित था। ईडी ने कर्नाटक पुलिस द्वारा दर्ज एक एफआईआर के आधार पर छत्तीसगढ़ में छापामार कार्यवाही की। इसमें कोराबारी और नेता सूर्यकांत तिवारी के साथ ही सत्ता पक्ष के कुछ नेता और आईएएस अफसर शामिल है। सूर्यकांत तिवारी, आईएएस समीर विश्नोई और रानू साहू सहित कुछ और लोग इस वक्त जेल में हैं। इस बीच कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन के बाद वहां पुलिस ने सूर्यकांत तिवारी के खिलाफ जो चार्जशीट कोर्ट में पेश किया उसमें से ब्लैकमेलिंग और साजिश की धारा हटा दी। माना जा रहा है कि इससे छत्तीसगढ़ में कथित कोयला घोटला केस भी कमजोर पड़ गया। बावजूद इसके इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों को अब तक जमानत नहीं मिल पाई है।