छत्तीसगढ़ शासन ने की मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के साथ साझेदारी

Update: 2024-08-22 11:25 GMT
रायपुर raipur news। छत्तीसगढ़ में किशोरों को सशक्त बनाने के दूरदर्शी उद्देश्य के तहत, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् (एससीईआरटी) ने प्रदेश के विद्यालयीन पाठ्यक्रम में जीवन कौशल शिक्षा को सम्मिलित करने के लिए शिक्षा और कौशल में प्रमुख नॉन-प्रॉफिट संस्था मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के साथ साझेदारी की है। राजेंद्र कुमार कटारा, आईएएस, एससीईआरटी डायरेक्टर और जयंत रस्तोगी, ग्लोबल सीईओ, मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन सहित कई गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और राष्ट्रीय पाठ्य चर्या रूपरेखा (एनसीएफ) 2023 के अनुरूप, तीन वर्षीय साझेदारी का उद्देश्य छत्तीसगढ़ में किशोरों को आवश्यक जीवन कौशल प्रदान करना है। यह कार्यक्रम पहले दो शैक्षणिक वर्षों में 800 सरकारी स्कूलों तक अपनी पहुँच स्थापित करेगा, जिसके अंतर्गत 1,600 शिक्षक जीवन कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। इसके बाद ये शिक्षक कक्षा 6 से 10 तक के 40,000 छात्रों को जीवन कौशल सिखाएँगे। कार्यक्रम के तहत सबसे पहले बस्तर संभाग के कांकेर और कोंडागांव के जनजातीय और आकांक्षी जिलों में कार्य किए जाएँगे। इसके बाद, राज्य के सभी 33 जिलों में प्रसार किया जाएगा। इस प्रकार, राज्य के सभी किशोरों तक जीवन कौशल की व्यापक पहुँच सुनिश्चित होगी।

पहले वर्ष में, राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (एससीईआरटी) के सहयोग से पाठ्यक्रम को प्रासंगिक बनाया जाएगा। जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों (डाइट), ब्लॉक संसाधन केंद्रों (बीआरसी) और क्लस्टर संसाधन केंद्रों (सीआरसी) को मास्टर प्रशिक्षकों के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके बाद, ये मास्टर प्रशिक्षक स्कूलों के शिक्षकों को उचित प्रशिक्षण देंगे और अंततः शिक्षक विद्यार्थियों (किशोरों) को जीवन कौशल के गुर सिखाएँगे। इसके अतिरिक्त, व्हाट्सएप-आधारित एआई चैटबॉट द्वारा मॉनिटरिंग और सेशन-ट्रैकिंग सिस्टम लागू किया जाएगा। समुदाय के युवा इस विषय में सामुदायिक सहभागिता को बढ़ाएँगे, जो कहीं न कहीं इस कार्यक्रम के प्रभाव को सिर्फ कक्षा तक ही सीमित न रखकर इसे आगे बढ़ाने में योगदान देंगे।

इस साझेदारी का उद्देश्य किशोरों को स्वयं के लिए जागरूक रहने, सहयोग और सहानुभूति रखने, निर्णय लेने, समस्या का समाधान करने और प्रभावपूर्ण संवाद करने जैसे आवश्यक जीवन कौशल प्रदान करना है, ताकि वे भविष्य के लिए खुद को तैयार कर सकें। ये कौशल छात्रों को आत्मविश्वासी बनने, लक्ष्य निर्धारित करने और स्वयं को सशक्त बनाने में सहायता करते हैं, जिससे स्कूल में उपस्थिति के साथ ही शिक्षा में उनकी सहभागिता भी बेहतर होती है। राजेंद्र कुमार कटारा, आईएएस, एससीईआरटी डायरेक्टर, छत्तीसगढ़, ने कहा, "छत्तीसगढ़ राज्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के साथ हमारी साझेदारी एक महत्वपूर्ण कदम है, जो हमारे किशोरों को जीवन कौशल प्रदान करने के साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर और समाज के सक्रिय सदस्य बनने में मदद करेगी। यह पहल हमारे राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करेगी और इस प्रकार, राज्य के छात्र जिम्मेदार और सक्षम नागरिक बन सकेंगे।"

जयंत रस्तोगी, ग्लोबल सीईओ, मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन, ने कहा, "एससीईआरटी, छत्तीसगढ़ शासन के साथ हमारी साझेदारी शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम को दर्शाती है। मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन की विशेषज्ञता का उपयोग करके हमारा लक्ष्य राज्य में शिक्षकों द्वारा किशोरों को जीवन कौशल प्रदान करना है। जीवन कौशल शिक्षा युवाओं को सशक्त और सक्रिय नागरिक बनने में मदद करती है। साथ मिलकर, हम एक निष्पक्ष और अधिक समृद्ध समाज का सृजन कर रहे हैं, जहाँ हर युवा अपनी पूरी क्षमता तक पहुँच सकता है और राज्य तथा देश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।"

मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के बारे में

मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन एक प्रमुख नॉन-प्रॉफिट संस्था है, जो भारत में शिक्षा और कौशल के क्षेत्र के लिए कार्य करता है। विगत 25 से अधिक वर्षों में, इसने 23 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में अपनी पहुँच स्थापित की है और 12 से 25 वर्ष की आयु के वंचित समुदायों के किशोरों और युवाओं की सशक्त बनाया है। फाउंडेशन दो मुख्य कार्यक्रमों: किशोर कार्यक्रम और आजीविका कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को जीवन और रोजगार स्किल्स प्रदान करता है।

कार्यक्रम को इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है कि यह 12 से लेकर 18 वर्ष तक के किशोरों को जीवन कौशल और उचित शिक्षा प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाए, ताकि वे बिना किसी परेशानी के अपनी शिक्षा पूरी कर सकें। संस्था के पास 335 सामुदायिक शिक्षण केंद्रों (सीएलसी) का एक प्रभावशाली नेटवर्क है और साथ ही इसने 8 राज्य सरकारों के साथ साझेदारी की है। आजीविका कार्यक्रम 18 से लेकर 25 वर्ष के युवाओं को संबंधित कौशल प्रदान करता है। इससे न सिर्फ उनकी नौकरी की संभावनाओं में सुधार आता है, बल्कि यह कार्यबल में उनके प्रवेश का समर्थन भी करता है। मैजिक बस ने वंचित समुदायों के इच्छुक उद्यमियों की सहायता के लिए 117 आजीविका केंद्र, 1,052 से अधिक कॉलेज भागीदारी और कई उद्यमिता इन्क्यूबेशन केंद्र स्थापित किए हैं। विगत 25 वर्षों में, मैजिक बस ने 30 लाख से अधिक किशोरों और 3.7 लाख युवाओं को सशक्त बनाया है, जिससे उन्हें कुशल आजीविका की राह में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली।

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