छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ का हड़ताल समाप्त, मंत्रियों से बातचीत कर लिया फैसला

Update: 2021-11-22 14:33 GMT

रायपुर। वन तथा विधि-विधायी मंत्री मोहम्मद अकबर और सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम से आज हुई चर्चा के उपरांत छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ द्वारा हड़ताल समाप्त कर दिया गया है। इस दौरान मंत्री द्वय द्वारा बताया गया कि राज्य सरकार ने सहकारी समितियों की मांगों को ध्यान में रखते हुए आज मंत्रि-परिषद की बैठक में अहम निर्णय लिया है। इसके तहत धान उपार्जन वर्ष 2020-21 में कोरोना संकट के कारण सहकारी समितियों को धान उपार्जन में हुए नुकसान से बचाने के लिए तथा उन्हें आर्थिक रूप सुदृढ़ करने हेतु एकमुश्त क्षतिपूर्ति सहायता राशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। जिसमें एकमुश्त क्षतिपूर्ति सहायता राशि प्रदान करने के लिए 250 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है।

राजधानी के शंकर नगर स्थित वन मंत्री मोहम्मद अकबर के निवास कार्यालय में आज शाम मंत्री द्वय के साथ सहकारी समिति कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि मण्डल की विस्तार से चर्चा हुई। इस दौरान प्रतिनिधि मण्डल द्वारा संघ की मांगों पर ध्यान रखते हुए आज मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए निर्णय पर प्रसन्नता जाहिर की गई और तत्काल हड़ताल को समाप्त करने की घोषणा भी संघ द्वारा की गई। साथ ही संघ के प्रतिनिधि मण्डल द्वारा बताया गया कि कल से समस्त सहकारी समितियों में काम-काज शुरू हो जाएगा। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ द्वारा विगत 8 नवम्बर से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की जा रही थी।

वन एवं परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने यह भी बताया कि आज मंत्रिपरिषद की बैठक में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में उपार्जित धान में से सरप्लस (अतिशेष) धान की नीलामी के माध्यम से निराकरण हेतु मंत्रिमण्डलीय उप समिति की बैठक में लिए गए निर्णय का अनुसमर्थन भी किया गया है। उन्होंने बताया कि उपार्जन केन्द्रों में क्रय धान का निराकरण त्वरित गति से किया जाएगा, प्रति सप्ताह धान उठाव की उच्च स्तरीय समीक्षा की जाएगी, माह मार्च के पश्चात उपार्जन केन्द्रों में शेष धान पर अतिरिक्त सुरक्षा व्यय दिया जाएगा, कर्मचारियों की सेवानियम से संबंधित मांगो के संबंध में पंजीयक द्वारा अपेक्स बैंक एमडी की अध्यक्षता में गठित की रिपोर्ट 20 दिसंबर तक प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं, खाद व्यवसाय में खाद परिवहन व्यय के कारण हो रहे नुकसान को संज्ञान में लेते हुए खाद व्यवसाय में समितियों की कमीशन राशि की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर अगले खरीफ सीजन के पूर्व रिपोर्ट ली जाकर कार्यवाही की जायेगी।

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