छत्तीसगढ़: हिंदू धर्म के खिलाफ विवादित टिप्पणी, आयोजकों पर कसा कानून का शिकंजा
छत्तीसगढ़.
अंबिकापुर: अंबिकापुर में बुधवार को आयोजित राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा के सम्मेलन को रजवार समाज के विरोध के बाद बंद करा दिया गया था। सम्मेलन में हिंदू धर्म और ब्राम्हण समाज के खिलाफ विवादित टिप्पणी किए जाने की शिकायत पर आयोजकों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। मामले को लेकर शुक्रवार को ब्राह्मण समाज भी विरोध प्रदर्शन करेगा।
राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा के अंबिकापुर के रजवार समाज के भवन में 6 नवंबर को सम्मेलन को लेकर विवाद की स्थिति बन गई। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के सामने ही दोनों पक्षों में विवाद की स्थिति बनी तो प्रशासन और पुलिस ने आयोजन को बंद करा दिया। इस दौरान रजवार समाज के पदाधिकारियों से मारपीट भी की गई।
सम्मेलन में हिंदू धर्म और ब्राम्हण समाज के खिलाफ अमर्यादित और भड़काउ टिप्पणी वक्ताओं द्वारा किए जाने की शिकायत पर पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। गांधीनगर थाने में विलास खरात, सुनील डोंगरदिवे, अरविन्द कच्छप, रंजीत बड़ा, ब्लासियुस तिग्गा और अन्य के खिलाफ धारा 329(3), 333, 299, 115(2), 351(2), 319(2), 191(2), 190 व छत्तीसगढ़ पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 49 के तहत FIR दर्ज किया गया है।
रजवार समाज सरगुजा के जिला अध्यक्ष बालेश्वर राजवाड़े ने लिखित शिकायत में बताया है कि राष्ट्रीय क्रिश्चयन मोर्चा छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ताओं ने रजवार भवन में अनाधिकृत रूप से प्रवेश कर धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली बयानबाजी की है। आयोजकों ने मौके पर रजवार समाज के लोगों के साथ मारपीट करते हुए अनाधिकृत रूप से पुलिस कर्मचारी बन कर धमकी भी दी गई।
शिकायत में रजवार समाज अध्यक्ष ने बताया है कि राष्ट्रीय किश्चयन मोर्चा छत्तीसगढ़ का बैनर लगा कर वक्ताओं ने धर्मान्तरण जैसे शब्दों का प्रयोग कर अन्य धर्म जाति के लोगों को नीचा दिखाने भाषण दिया जा रहा है। साथ ही कहा गया कि हिन्दू धर्म को पंडित लोग बनाए हैं, हिन्दू धर्म कोई धर्म नहीं होता है।
ब्राम्हण समाज राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा के आयोजन को लेकर शुक्रवार को ज्ञापन सौंपेगा और प्रदर्शन भी करेगा। सर्व बाम्हण समाज सरगुजा के संयोजक आलोक दुबे ने कहा कि इस संगठन पर छत्तीसगढ़ में पूर्णतः प्रतिबंध लगाया जाए।