छत्तीसगढ़ को कोरोना रोकथाम के लिए शीघ्र मिल सकते है 850 डॉक्टर, बृजमोहन अग्रवाल ने सीएम भूपेश बघेल को लिखा पत्र
रायपुर। भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर देश के अन्य राज्यों कि तरह 'नेशनल मेडिकल कमिशन' के निर्देशानुसार MBBS फ़ाइनल पार्ट-1 (बैच- 2017) की वार्षिक परीक्षा 30 जून 2021 तक करा कर, प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ करने हेतु की मांग की है। उन्होंने कहा है कि इस परीक्षा के आयोजन होते ही प्रदेश को 850 डॉक्टर शीघ्र मिलेंगे जिससे प्रदेश को कोविड महामारी से लड़ने में भारी सहायता मिलेगी। गांव-गांव में डॉक्टर पदस्थ किया जा सकता है। अग्रवाल ने पत्र में कहा है कि कोविड महामारी का संक्रमण प्रदेश के गाँवों एवं दूरस्त आदिवासी अंचलों में तेज़ी से फैल रहा है। यह गम्भीर चिंता का विषय है। ऐसे में प्रदेश में चिकित्सा सेवाएं बेहतर बनाने के लिए अधिक से अधिक MBBS डाक्टर्स की आवश्यकता है। संक्रमण के प्रति बचाव के उपाय, चिकित्सा एवं जागरूकता के लिए इनकी अधिक से अधिक तत्काल आवश्यकता है ।
अग्रवाल ने कहा कि मेरे ध्यान में लाया गया है की आयुष विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ के प्रशासन ने MBBS फ़ाइनल पार्ट-1 की परीक्षाएं, NMC के निर्देशानुसार ना करा कर, मनमाने ढंग से टाल दी हैं। 'National Medical Commission's letter DO No V-11025/235/2020-MEP, 25th November, 2020' के अनुसार देश के सभी राज्यों में या तो ये परीक्षाएँ हो चुकी हैं, अथवा 30 जून 2021 के पहले आयोजित करने का निर्णय ले लिया है। इसके परिपालन में आयुष विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ के पत्र क्रमांक/ कु.स. /D.U.H.S./ 2020 दिनांक 26/11/2020 से अप्रेल 2021 में आयोजित करने के निर्देश तो जारी किये, किंतु पत्र क्रमांक/04/ कुलसचिव कक्ष /D.U.H.S. /2020 दिनांक 01/01/2021 से परीक्षा को स्थगित कर दी गयी। आयुष विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ ने मनगढ़ंत कारणों से और COVID-19 के संकट को ध्यान में बिना रखे इस तरह का निर्णय लिया है। यह दुर्भाग्यजनक है।
अग्रवाल ने कहा है कि COVID-19 महामारी के संकट में 850 से अधिक भावी चिकित्सकों को प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित करना उचित नहीं है। इन सभी विद्यार्थियों की परीक्षा 30 जून 2021 तक कराने के लिए अभी भी पर्याप्त समय है। संकट बड़ा है और इस संकट में सबसे अधिक ज़रूरत MBBS डॉक्टर की ही है तो ऐसे में ये कैसे हो सकता है की हम प्रदेश में उपलब्ध मानव संसाधन (MBBS पार्ट 1 के विद्यार्थी) की अनदेखी करें। आयुष विश्वविद्यालय द्वारा स्थगित किए जाने का ग़लत तर्क दिया जा रहा है कि इनकी कक्षाएँ NMC के निर्देशानुसार कालखंड पूरा नहीं कर रहे हैं। किंतु मेरी जानकारी में लाया गया है कि इनकी पोस्टिंग दिसंबर 2020 से निरंतर मई 2021 तक अभी भी हो रही है और वे अपना दायित्व निभा रहे हैं। इस हेतु सम्बंधित मेडिकल कॉलेजों के डीन ने निर्देश भी जारी किए हैं। ऐसा लगता है की आयुष विश्वविद्यालय का प्रशासन अभी भी लकीर का फ़क़ीर बना हुआ है, देश के MBBS मेडिकल कालेजों की नियंत्रक संस्था NMC ने COVID-19 महामारी के संकट के तहत जब, MBBS पार्ट 1 की परीक्षा अप्रेल 2021 तक कराने का निर्देश दे दिया है और देश के सभी राज्यों में इन निर्देशों के अनुसार परीक्षाएँ 30 जून 2021 के पहले हो भी रही हैं। इसका कारण भी है की 30 जून 2021 के पहले ये परीक्षाएँ हो जायेंगी तो सभी प्रदेशों में MBBS डाक्टरों की सेवाएँ सुलभ हो पायेंगी। ऐसे में छत्तीसगढ़ के भावी MBBS डाक्टरों के साथ अन्याय करना उनके भविष्य के साथ साथ प्रदेश की जनता को भी कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित करने का गम्भीर मामला है। विषय गम्भीर है, विश्वविद्यालय के इस बेतुके निर्णय से 850 से अधिक विद्यार्थी मानसिक तनाव से भी गुज़र रहे हैं ।
अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि आप स्वयं इस विषय में दख़ल दें, इन भावी चिकित्सकों के भविष्य के साथ न्याय हो सके और प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में बेहतर चिकित्सा सेवायें नागरिकों को मिल सके, यह सुनिश्चित हो सके।