रायपुर। बीजेपी नेता संजय श्रीवास्तव, देवजी भाई पटेल , नवीन मार्कंडेय और अनुराग अग्रवाल ने आज संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित किया। वही पुलिस की कार्रवाई कर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में विभिन्न अवसरों पर यह देखा गया है वर्तमान पुलिस, कांग्रेसी शासन के लठैत के समान कार्य कर रही है। व्यवस्था को समझना पड़ेगा कि सत्ता चिरस्थाई नहीं है। उन्हें सत्ता से आदेश लेकर परंतु निष्पक्ष होकर कार्य करना चाहिए। विगत 3 वर्षों से जब से कांग्रेस की सरकार आई है अगर पुलिस की कार्यप्रणाली देखी जाए तो वह एक तरफा ही ज्यादा नजर आती है। कवर्धा प्रकरण - 3 अक्टूबर 2021 को कवर्धा में कुछ असंतोषी लोगों द्वारा भगवा ध्वज का अपमान किया गया। वह एक व्यक्ति के ऊपर जानलेवा हमला किया गया। जिसका विरोध करने पर आम जनता के ऊपर विंध्यवासिनी मंदिर के पास शासन की लठैत पुलिस द्वारा बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज किया गया।
5 अक्टूबर को इस समस्त घटना की जांच की मांग को लेकर भाजपा सांसद संतोष पांडे, भाजपा नेता विजय शर्मा, अभिषेक सिंह व अन्य के नेतृत्व में रैली निकालकर ज्ञापन देने जा रहे लोगों पर शासन की लठैत पुलिस ने लाठीचार्ज किया वह नेताओं पर एफआईआर दर्ज की गई।
22 अक्टूबर को विजय शर्मा व चार अन्य ने न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण किया इसके बाद पुराने मामलों को लेकर विभिन्न गिरफ्तारियां की गई व 22 दिन इन्हें जेल में निरुद्ध रखा गया।
बस्तर प्रकरण - जगदलपुर के कांग्रेसी पार्षद कोमल सेना द्वारा आम जनता से प्रधानमंत्री आवास के नाम पर 25000 रुपए की घूस ली गई इसके विरोध में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लगभग 22 दिन आंदोलन किया परंतु कांग्रेसी पार्षद के खिलाफ अपराध दर्ज नहीं हुए इसके पश्चात भाजपा नेताओं ने जगदलपुर नगर बंद का आह्वान किया तब भाजपा नेताओं को अपराधियों के समान गिरफ्तार करके विभिन्न स्थानों में विरुद्ध रखा गया।
कांग्रेसी पार्षद के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन देने व विधानसभा में प्रश्न उठने के पश्चात कांग्रेसी पार्षद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और न्यायालय में जमानत ना मिलने के बाद कांग्रेसी पार्षद का पुलिस ने कोरोना टेस्ट कराया जबकि इसे न्यायालय में पेश करने के पहले कराना था और जेल में भेज कर उसे अस्पताल में दाखिल करवा दिया 8 दिन बीतने के बाद भी जेल दाखिल के बजाय अन्य बीमारियां बताकर आज तक उन्हें अस्पताल में रखा गया है।
राज्यपाल के निर्देश व विधानसभा में प्रश्न उठने के कारण पुलिस को दबाव में कांग्रेसी पार्षद कोमल सेना के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी इसके बदले पुलिस ने 1 वर्ष पहले भाजपा नेताओं द्वारा आरटीओ कार्यालय में प्रदर्शन को आधार बनाकर भाजपा मंडल अध्यक्ष सुरेश गुप्ता मनोहर दत्त तिवारी व कार्यकर्ता रघु सेठिया सुब्रतो विश्वास के खिलाफ एस्ट्रो सिटी एक लगाकर उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया जबकि प्रदर्शन के समय आरटीओ अधिकारी कार्यालय में नहीं था आता एस्ट्रो सिटी एक्ट बनता ही नहीं है।
पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र में धर्मांतरण होने की शिकायत को लेकर भाजपा कार्यकर्ता द्वारा पुलिस को ज्ञापन दिया गया था। इस पर पुलिस ने किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की। भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा इसके विरोध में थाने का घेराव करने पर शासन की लठैत पुलिस ने उनसे अभद्रता पूर्ण व्यवहार किया।
इसी घटना में ईसाई मिशनरी द्वारा खुलेआम पुरानी बस्ती थाने में थानेदार के सामने धर्म परिवर्तन को अपना अधिकार बताते हुए संविधान को जलाने की धमकी दी। परंतु उसके पश्चात भी पुलिस ने उनके खिलाफ कोई अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किया उल्टे भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की वह उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
आरंग - भाजपा कार्यकर्ता के साथ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने हाथ, पैर व सिर फुटते तक मारपीट किया लेकिन शासन की लठैत पुलिस अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही करना छोड़ कर पीड़ित व्यक्ति के विरूध्द कार्यवाही किया।
पुरानी बस्ती 5 सितंबर का प्रकरण है वह इसमें संजय सिंह, बजरंग ध्रुव, मनीष साहू को तुरंत गिरफ्तार किया गया व बाद में राहुल राव, शुभंकर त्रिवेदी संभव आदि का नाम जोड़ा गया।
भाजपा के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी के रायपुर आगमन पर युवा मोर्चा द्वारा उन्हें काले झंडे दिखाने की घोषणा की गई थी। शासन के दबाव में पुलिस ने भाजयुमो के कार्यकर्ताओं को रात में उनके घरों से अपराधियों के समान गिरफ्तार कर ले जाया गया व उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किए गए व गिरफ्तार कर विभिन्न थानों में रखा गया।
पश्चिम के कांग्रेसी विधायक व संसदीय सचिव विकास उपाध्याय द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ धमकी पूर्ण शब्दों का प्रयोग किया गया जिसका विरोध करने पर भाजपा कार्यकर्ताओं के ऊपर पुलिस वाला दमनात्मक कार्रवाई करने का प्रयत्न किया गया। जिसका विरोध करने पर शासन के आदेश से पुलिस द्वारा 15 वर्ष के मंत्री से दुर्व्यवहार किया गया।
प्रदेश के भूपेश सरकार द्वारा गरीबों के लिए आबंटित प्रधानमंत्री आवास को बनाने से इनकार कर वापस कर दिया गया हैं। जबकि गरीबों के आवास को अलग अलग जगहो पर बेदखली का नोटिस दिया जा रहा है। कहीं पर उनके आवास को तोड़ा जा रहा है बहुत जहगांे पर गरीबों को आबंटित प्रधानमंत्री आवास आज भी अधुरा पड़ा हुआ हे। सरकार गरीबो के प्रति संवेदनहीन हो गया है इसी लिए गरीबों मजदूरों का आवास तोड़ने बे दखल करने में भूपेश सरकार उतारू है।
कल की घटना इसका ताजा उदाहरण है ग्राम सेड़ीखेड़ी के 148 गरीबों के आवास को तोड़ने के लिए विगत 2 वर्षों से नोटिस जारी कर डराया धमकाया जा रहा है। हद तो तब हो गया जब होली पर्व के दिन नोटिस तामिल कर 21/03/2022 को तोड़ने का आदेश दिया गया। उसी मुद्दे को लेकर कलेक्टर से मिलने जा रहे लोगों के ऊपर लाठीचार्ज कर 9 लोगों को गैर जमानती धारा लगाकर गिरफ्तार किया गया है। जो गरीबों का पुलिस कांग्रेस के लठैत के रूप में कार्यवाही कर रही है।