बिलासपुर bilaspur news। दहेज हत्या के एक मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आरोपित पुलिसकर्मी Policeman को 10 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने अपने फैसले में तल्ख टिप्पणी भी की है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस कर्मचारी होने के नाते अपराध में अंकुश लगाने के बजाय खुद शामिल हो गया है। दहेज के नाम पर पत्नी की हत्या कर दी है। यह गंभीर मामला है। आरोपित 30 सितंबर 2013 से जेल में बंद है। कोर्ट ने 10 साल की गणना करने के बाद रिहा करने का आदेश दिया है। chhattisgarh
chhattisgarh news मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने आरोपित को किस धारा में सजा होनी चाहिये, इस पर विचार कर अपना अभिमत देने के लिए अधिवक्ता आशीष तिवारी को न्याय मित्र नियुक्त किया था। न्याय मित्र ने इस तरह के प्रकरण में देश के विभिन्न हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले का अध्ययन करने के बाद कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट पेश करने के साथ ही अपना अभिमत भी दिया था।
न्याय मित्र से इसे दुर्लभ मामला मानते हुए दहेज हत्या के आरोप में आरोपित को 10 साल की सजा की सिफारिश की थी। न्याय मित्र ने विचारण न्यायालय के फैसले को सही ठहराया था। न्याय मित्र के अभिमत और सुप्रीम कोर्ट के न्याय दृष्टांत का हवाला देते हुए धारा 304 (बी) के तहत सात वर्ष की सजा को बढ़ाकर 10 वर्ष करने का आदेश दिया है।