छत्तीसगढ़ में CBI का छापा, 1 गिरफ्तार

Update: 2021-11-17 03:08 GMT

कोरबा. चाइल्ड पोर्नोग्राफी (Child Pornography ) मामले में देश भर में मंगलवार को CBI (CBI Raid) की टीम ने छापा मारा. कार्रवाई की जद अब छत्तीसगढ़ तक पहुंच चुकी है. सीबीआई ने कोरबा जिले के बाकीमोगरा थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति के घर दबिश दी. सर्च ऑपरेशन के बाद टीम ने संदिग्ध के घर से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए है. सीबीआई अब इस पूरे मामले में ग्रामीण की भूमिका की जांच कर रही है.

आरोपी की गिरफ्तारी की भी खबर है. यहां पहुंची टीम ने इलेक्ट्रॉनिक सामान की जांच-पड़ताल करते हुए उसे जब्त्त किया है. हालांकि टीम के सदस्यों की छानबीन में क्या निकला और क्या जब्त हुआ है, इसकी अधिकृत जानकारी नहीं मिल सकी है. CBI के मुताबिक ऑनलाइन बाल यौन उत्पीड़न और शोषण से संबंधित आरोपों पर कुल 83 आरोपियों के खिलाफ 23 अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं.
23 FIR
देशभर के कई इलाकों में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर चाइल्ड पोनोग्राफी का रैकेट चलाने वालों के बारे में CBI को लगातार शिकायतें मिल रही थीं. इन शिकायतों की जांच के बाद CBI ने कुल 23 मामले दर्ज किए हैं जिनमे प्रारंभिक तौर पर 83 लोगों को आरोपी बनाया गया. इन आरोपियों के खिलाफ सबूत जुटाने और उनकी गिरफ्तारी के लिए सेन्ट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टीगेशन CBI ने मंगलवार को पूरे देश में एक साथ छापामारी की. चाइल्ड पोनोग्राफी के केस में ग्वालियर जिले के डबरा ब्लॉक के बड़ी अकबई गांव के राहुल राणा का नाम भी शामिल है. राहुल पोर्नोग्राफी केस में सबसे बड़ा संदेही है. प्लानिंग के तहत मंगलवार को देश भर में छापामारी की कड़ी में CBI की एक टीम मंगलवार दोपहर बड़ी अकबई गांव पहुंची. CBI ने अमर सिंह के घर पहुंचकर उनके बेटे राहुल के बारे गहन पूछताछ की. छापामारी टीम के प्रभारी CBI अधिकारी नाजिम खां ने छापे के सिलसिले में जानकारी देने से इंकार कर दिया.
MP से कई शिकायतें
CBI के सूत्रों ने बताया चाइल्ड पोर्नोग्राफी केस में मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा शिकायतें हैं. MP के ग्वालियर, भोपाल, इंदौर, जबलपुर से बड़ी तादाद में शिकयतें मिली हैं. इन शहरों में लोग मोबाइल, लैपटॉप, डेस्कटॉप के जरिए बच्चों की पोर्नोग्राफी से जुड़े पोर्न वीडियो शेयर कर रहे हैं. CBI इसके बड़े मास्टर माइंड पर शिकंजा कस रही है. मोबाइल फोन, टैबलेट, लैपटॉप, डेस्कटॉप में बच्चों से जुड़े पोर्न वीडियो मिलने पर IT एक्ट 2000 की धारा 67-B के तहत केस दर्ज़ होता है, दोषी पाए जाने पर 5 साल की सजा हो सकती है।
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