लोक सेवा गारंटी सेवाओं के प्रकरण समय-सीमा में निपटाएं : मुख्य सचिव

Update: 2021-04-06 13:46 GMT

रायपुर। मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से छत्तीसगढ़ लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2011 के अंतर्गत विभिन्न विभागों द्वारा अधिसूचित प्रदान की जा रही सेवाओं की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अधिसूचित सेवाओं के प्रकरण निर्धारित समय सीमा में निराकृत करें। मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल इसकी लगातार मानिटरिंग कर रहे हैं। मुख्य सचिव ने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इसी प्रकार अपने विभाग की और भी जरूरी सेवाओं को लोक सेवा गारंटी में अधिसूचित करने की कार्यवाही करें। इसके लिए मुख्य सचिव ने एक माह की अवधि में आवश्यक कार्यवाही कर सामान्य प्रशासन विभाग को जानकारी प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के पड़ोसी राज्यों में दी जा रही लोक सेवा गारंटी सेवाओं की भी जानकारी लें। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अधिनियम के तहत अधिसूचित लोक गारंटी सेवाओं को ऑनलाईन किया जाए जिससे लोगों को शीघ्रता से लाभ मिले। उन्होंने ऑनलाइन और ऑफलाइन सेवायें सुगमता पूर्वक प्रदान करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने सभी विभागों के प्रमुख अधिकारियों को अपने विभाग की लोक सेवा गारंटी सेवाओं के क्रियान्वयन एवं प्रगति की लगातार मानिटरिंग करने, प्रकरणों में निर्धारित समय-सीमा में कार्यवाही नहीं करने वाले अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सामान्य प्रशासन, खाद्य एवं परिवहन विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन के 34 विभागों द्वारा अभी करीब 262 सेवाओं को लोक सेवा गारंटी अधिनियम में अधिसूचित कर सेवायें प्रदान की जा रही हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित हुई बैठक में पीसीसीएफ श्री राकेश चतुर्वेदी, उद्योग एवं वन विभाग के प्रमुख सचिव श्री मनोज पिंगुआ, वित्त एवं नगरीय विकास विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेल मंगई डी., अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास विभाग के सचिव श्री डी.डी. सिंह, राजस्व विभाग की सचिव सुश्री रीता शांडिल्य, लोक निर्माण एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव डॉ. सिद्धार्थ कोमल परदेशी सहित ऊर्जा, श्रम, समाज कल्याण, गृह, स्वास्थ्य, कृषि, पंचायत ग्रामीण विकास, आवास एवं पर्यावरण, योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी, शिक्षा, जल संसाधन सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

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