अवैध शराब बेचने वाले कैफे संचालक 14 दिन के न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया

Update: 2021-07-02 05:42 GMT

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी में कैफे संचालक की गिरफ्तारी मामले में पुलिस ने आरोपी तारिक खान को रायपुर कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने तारिक खान की जमानत याचिका ख़ारिज करते हुए उसे 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया। तारिक खान को कोर्ट में भूपेंद्र कुमार वासनीकर प्रथम व्यवहार न्यायधीश मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं वर्चुवल कोर्ट में पेश किया गया जहा से उसकी अग्रिम जमानत याचिका ख़ारिज की गई और 14 दिन की जेल हुई। आपको बता दें कि 30 जून की रात पुलिस ने फुंडहर स्थित रेस्टोरेंट में छापा मारा जिसमें पुलिस को रेस्टोरेंट से शराब की बोतलें बरामद हुई थी। फूंडहर स्थित फिलिंग द ब्लेंक्स कैफे में 30 जून की रात पुलिस ने दबिश दी थी जहा कैफे की आड़ में ग्राहकों को हुक्का और शराब परोसा जा रहा था। 'फिलिंग द ब्लेंक्स कैफेÓ में दबिश के दौरान कोतवाली सीएसपी अंजनेय वाष्र्णेय की टीम को 4 बॉटल चिवास रिगल, 1 एब्सोल्यूट वोदका, 1 सुला ब्रूट, 4 बडवाइसर मैग्नम, 2 बडवाइसर प्रीमियम बियर की बोतल मिली जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया और कोर्ट से आरोपी तारिक खान को 14 दिन की रिमांड पर भेजा गया।

नशे का कारोबार रायपुर में

नशे का कारोबार राजधानी के वीआईपी रोड की सभी होटलें नशे में सरोबार हो रहे है, रोजाना युवा बड़ी-बड़ी होटलों में नशे की पार्टियां करते है। होटलों में नशीली पार्टी लगातार बढ़ते जा रहा है, नशे का कारोबार कब होगा बंद ? युवा पीढ़ी नशे के दलदल से आखिर कब बाहर निकलेगी ? आज नशा पूरे शहर के लिये चुनौती बना हुआ है। काफी पाबंदी के बाद भी लोग इसकी आगोश में आते जा रहे हैं। जिसका सीधा असर युवाओं पर साफ पड़ता दिख रहा है। नशे की समस्या से रायपुर भी अछूता नहीं रहा है। शहर में गांजा, अफीम आदि नशे का कारोबार तेजी बढ़ रहा है।

नशे की पार्टी का वीडियो भी हुआ वायरल

नशे की पार्टियों के कई वीडियो भी सामने आए हैं जिससे पार्टी के आयोजनकर्ताओं को पहचाना जा सकता है। वीकेंड की रात भी पुलिस तमाम कोशिशों के बाद भी नाइट पार्टियों को समय पर बंद नहीं करा पाए और दिखावे के लिए आयोजित कैंडल नाइट डिनर के बाद कई होटलों और पबों में देर रात तक पार्टियां चलती रही जिसमें शराब और नशा भी परोसा गया। छुटभैय्या नेताओं की मौजूदगी में रात में वीआईपी रोड धुआं रोड में तब्दील हो गया। जिधर देखों उधर सुट्टा का धुआं तो कहीं हुक्का का धुआं वीआईपी रोड को गमकाता रहा। पुलिस की पहरेदारी में हो रहे इस तरह की नशे की पार्टी कभी भी विस्फोटक रूप धारण कर सकता है। जिसका जीता जागता उदाहरण कैफे और क्लब है, जहां पार्टी के लिए बहाना ढूंढा जाता था, जिसका हश्र लीज निरस्त तक पहुंच गया है। उसके बाद भी वीआईपी रोड पर स्थित होटलों और ढाबों वालों ने सबक नहीं लिया बल्कि उस नशे के कारोबार को और तेजी से बढ़ाने के लिए होटल मालिकों में प्रतिस्पर्धा शुरू हो गई। अब तो सस्ते में पार्टी पैकेज बनाकर उद्योगपतियों के घरों में जाकर पार्टी बुकिंग करा रहे हैं।

नशे का हब बना रायपुर

नशा परोसने और खपाने का काम बड़े होटलों में चल रहा है, जिसमें कई रसूखदार शेयर होल्डर है, या जिनकी छुटभैया नेताओं की पहुंच वाले लोग है, ऐसे लोगों के संरक्षण में नशे का सामान युवक-युवतियों को परोसा जा रहा है। छुटभैय्या नेताओं के कारण ही ड्रग्स माफियों का कलेजा खुलकर ड्रग्स पार्टी के लिए पूरे भारत में इकलौता रायपुर शहर है जहां ड्रग्स पार्टी के लिए किसी और के कलेजे और हौसले के जरुरत नहीं हैं। शहर में ड्रग्स की पार्टी आए दिन गुले-गुलज़ार होने लगती है। वीआईपी रोड की सभी होटलों में नशे की पार्टियां निरंतर चलती रहती है। पुलिस के आने की सुचना जब नशे के सौदागरों को होती है तो वो पार्टी की जगह ही बदल देते है। पुलिस को दिखाने के लिए नार्मल जन्मदिन पार्टी जैसी करते है। लेकिन इसकी असलियत तो कुछ और ही होती है। रात भर वीआईपी में पार्टी करने वालों ने कानून को ठेंगा दिखाने का जुगाड़ ढूंढ लिया है। 

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