बुकी जमे, हर रन-बॉल, चौके छक्के पर लगेगा सट्टा
आज से रोड सेफ्टी वल्र्ड सीरीज क्रिकेट का आगाज
आफताब फरिश्ता
इंटरटेनमेंट का इंतजाम
< डांसर लड़कियां गुडग़ांव और मुंबई से आईं
< फ्राग डांस कपल, लड़कियों का रायपुर आगमन
< हर इवेंट के लिए लड़कियों का इंतजाम
< पुलिस, बुकी-खिलाड़ी व मेहमानों की मेहमानवाजी में जुटी
< हर रात मैच के बाद अलग-अलग होटलों और सेनोटोरियम में ड्रग-डांस पार्टी
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। राजधानी में आज से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का आगाज़ होने जा रहा है। और इसी मैच को लेकर देश भर के सबसे बड़े खाइवालों ने अपना बसेरा रायपुर जिले में बना लिया है। बड़े सटोरिए अब रायपुर जिले के कई बड़े होटलों में अपना डेरा बना चुके है। क्रिकेट के दौरान मनोरंजन के लिए डांसरों का बड़ा ग्रुप भी राजधानी पहुंचा है, जो मैचों के दौरान स्टेडियम और खिलाडिय़ों के सम्मान और मनोरंजन के लिए होटलों में आयोजित पार्टियों में रंग जमाएंगी। सटोरिए जहां मैच में ऑनलाइन सट्टा लगाने वाले है वही दूसरी तरफ कुछ छोटे खाईवाल इस मैच का फायदा उठाकर बड़ी से बड़ी रकम की हेरा-फेरी करने की सोच रहे है। आए दिन गली मौहल्ले में छोटे-मोटे सटोरिए कुछ ही दाव लगाकर ही अपना पैसा छापेंगे। शहर में कभी चोरी-छिपे चलने वाला सट्टा बाजार आजकल कानून की ढीली पकड़ की वजह से खाईवाल के संरक्षण में खुलेआम संचालित हो रहा है। और वही बड़े-बड़े होटलों में सट्टेबाज ओपन, क्लोज और रनिंग के नाम से चर्चित इस खेल को खिलाते है। जिस प्रकार सब कुछ ओपन हो रहा है उससे यही लगता है कि बड़े खाईवाल को कानून का कोई खौफ नहीं रह गया है।
क्रिकेट का सट्टा जोरों से
रायपुर क्षेत्र में तो ये चलता ही है आजकल आउटर क्षेत्र में भी इस खेल के बढ़ते कारोबार का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि महिलाएं एवं बच्चे भी दिन-रात अंकों के जाल में उलझे रहते हैं। मैच सट्टेबाजी के लिए काफी मुफीद साबित हो रहे हैं। बड़े खाईवाल के एजेंट जो पट्टी काटते हैं रोज हर गली-मोहल्ले में आसानी से पट्टी काटते नजर आते हैं। इनमें से कुछ आदतन किस्म के लोग रायपुर में खुलेआम पट्टी काटकर और मोबाइल के माध्यम से भी इस अवैध कारोबार को संचालित कर लोगों की गाढ़ी कमाई पर डाका डाल रहे हैं। जिसकी जानकारी शायद पुलिस को छोड़कर सभी को है। सट्टे के हिसाब-किताब की जगह बार-बार बदल कर बड़े खाईवाल अपनी होशियारी का भी परिचय देने की कोशिश करते हैं।
स्कूली छात्र भी खेल रहे जुआ-सट्टा
जुआ खेलने में स्कूली विद्यार्थी भी पीछे नहीं है। स्कूलों पहुंचकर वहीं अपना बस्ता रखकर कई विद्यार्थी वहां से फरार हो जाते हैं और पहुंचते हैं इसके अड्डों पर। स्थिति इस कदर बिगड़ रही है कि बच्चे घर से किताब-कापियां खरीदने के लिए पैसे लाते हैं और उसे जुए में उड़ा देते हैं। बचपन में जुआ खेलने की बुरी लत पडऩे से उनके भविष्य भी खराब हो रहा है।
मैच में लगने वाला है ऑनलाइन सट्टा
आज के मैच में सटोरिए भारी मात्रा में सट्टा लगाने वाले है। हर मैच में सटोरिये हर रन, हर गेंद, हर ओवर और हर विकेट में अपने काले पैसे लगाने वाले है। हाईटेक ऑनलाइन सट्टा कारोबार का व्यापार काफी बड़ा होता है। इसके तहत वेबसाइट्स पर क्रिकेट मैच पर दांव लगाए जाएंगे। ऑनलाइन सट्टा रायपुर में बैठा एक शख्स चलाने वाला है। जबकि राजनांदगांव में सटोरिए का शहर का सट्टा बुकिंग चलने वाला है। खास बात यह है कि दांव के रुपए नकद लिए जायेंगे।
डीजपी बंगले के सामने चल रहा सट्टा कारोबार
राजधानी में सट्टा कारोबार धडल्ले से चलने लगा है। सट्टा कारोबार चलाने वालों में पुलिस का कोई खौफ तो दिख नहीं रहा है। इन दिनों सट्टे का अवैध कारोबार जोर शोर से चल रहा है। एक रुपए को अस्सी रुपया बनाने के चक्कर में खासकर युवा वर्ग अधिक बर्बाद हो रहे हैं। सट्टे के इस खेल को बढ़ावा देने सटोरी ग्राहकों को मुफ्त में स्कीम देखने सट्टे नंबर वाले चार्ट उपलब्ध करा रहे हैं। इसका गुणा भाग कर ग्राहक सट्टे की चपेट में बुरी तरह से फंस कर पैसा इस अवैध कारोबार में गंवा रहा है। शहर में सट्टे का खुलेआम कारोबार चल रहा है। जिसे जनता से रिश्ता के संवाददाता ने अपने कैमरे में कैद किया। इस वीडियो में लोग ऑटो में बैठकर सट्टा पट्टी काट रहे थे। सिविल लाइन थाना पुलिस को जब संवाददाता ने सूचना दी तो सटोरिए अपने-अपने ऑटो को लेकर फरार हो गए। सिविल लाइन थाना पुलिस के नाक के नीचे से ये सट्टे का कारोबार खुलेआम चल रहा है। आकाशवाणी कालीमंदिर के आगे डीजीपी साहब के बंगले के पीछे तो ये कारोबार चलता ही था। अब सटोरियों के हौसले बुलंद हो चुके है जो डीजीपी साहब के बंगले के सामने सट्टा पट्टी काट रहे है। रवि साहू गैंग के गुर्गे खुलेआम महिलाओं और बच्चो को मिलाकर सट्टा-पट्टी काटते और अवैध कारोबार को संचालित करते है।
अनिल आलू शहर में सट्टे का बाजार गर्म
शहर भर के लोगों को पता है कि अनिल आलू का क्रिकेट मैच में सट्टा लगाया जाता है। एक सट्टा तो क्रिकेट में हार या जीत पर लगता है, जबकि दूसरा सट्टा मैच में बनने वाला स्कोर पर, चुनिंदा ओवर में कितने रन होंगे या मैच के किसी सेशन में कितने रन होंगे, इन पर लगाया जाता है। क्रिकेट मैचों में अमूमन जनरल सट्टे को स्वीकारने व लगाने वाले अलग होते हैं, उसी तरह सेशन बैटिंग पर सट्टा लेने वाले भी अलग-अलग बुकी होते हैं। पर कुछ पुलिस वालों का मानना है कि कुछ बुकीज दोनों प्रकार के सट्टे स्वीकारते हैं। क्रिकेट मैचों में अमूमन जनरल सट्टे को स्वीकारने व लगाने वाले अलग होते हैं, उसी तरह सेशन बैटिंग पर सट्टा लेने वाले भी अलग-अलग बुकी होते हैं। पर कुछ पुलिस वालों का मानना है कि कुछ बुकीज दोनों प्रकार के सट्टे स्वीकारते हैं।