RTO परमिट के बिना गाड़ियों की बॉडी कर रहे मोडिफाई

चोरी की गाड़ियों का भी हो सकता है धंधे में इस्तेमाल

Update: 2024-08-05 11:11 GMT
Raipur. रायपुर। राजधानी के पंडरी थाना इलाके में बिना RTO के अनुमति के गाड़ियों के बॉडी पार्ट्स लगवाने और बेचने का धंधा खुलेआम चल रहा है। ये मामला दलदल सिवनी इलाके में हो रहा है, इसी मामलें की तस्दीक करने जब जनता से रिश्ता की टीम मौके पर पहुंची तो पाया गया कि उस गोदाम में आधे से ज्यादा गाड़ियां RTO से बिना परमिट के वहां खड़ी की गई है। जिसका जनता से रिश्ता की टीम ने स्टिंग ऑपरेशन किया।

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वीडियो में दिख रहा है कि गोदाम के भीतर गाडियां और उसके पार्ट्स भी कटे हुए निकले। मामलें की शिकायत जब सिविल लाइन सीएसपी अनुराग झा से की गई तो उन्होंने तत्काल पंडरी थाना स्टाफ को भेजकर मामलें की तस्दीक करवाई। पुलिस को देखकर PS फोरवील्स के मैकेनिक भी डरने लगे और पुलिस को तत्काल सभी गाड़ियों के साथ काट-पीट करने के RTO परमिशन दिखाने में नाकाम रहें। पुलिस ने गाडिय़ां और अन्य सामान बरामद किया है। जिसके दस्तावेजों की जांच जारी है।



रायपुर बन रहा लग्जरी गाड़ियों के चोरी का अड्डा

बड़ी गाड़ी चोरी की मंडी में अक्सर पुलिस अपना शिकंजा कसती है। लेकिन आज सिविल लाइंस CSP अनुराग झा के नेतृत्व में पुलिस ने PS फोरवील्स के गोदाम पर छापा मारा। जहां गाडिय़ों की जांच की जा रही है। गोदाम स्वामी भी छापे की सूचना पाकर डरने लगे। पुलिस ने गोदाम को अब तक सील नहीं किया है। पुलिस ने मामलें में जानकारी दी थी कि जनता से रिश्ता के प्रेस के पत्रकार द्वारा ऐसी सूचना मिली जिसकी वजह से तत्काल पुलिस जवानों को भेजा गया।




PS फोरवील्स के संचालक गणेश कुमार यादव को थाने उठाकर लाया गया। आपको बता दें कि कबाड़ी बाजार में ऐसे कई गोदाम है जहां गाड़ियों के कटान के लिए चोरी की गाड़ी खड़ी रहती है। बीमा कंपनियों द्वारा भंगार में उन्हीं गाड़ियों को दिया जाता है, जो किसी दुर्घटना में 70 प्रतिशत से ज्यादा क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इन्हीं क्षतिग्रस्त गाड़ियों से पूरे देश में गाड़ी चोरी का कारोबार चल रहा है। कुछ वाहनों के इंजन तथा चेसिस भी मिले हैं। पुलिस का कहना है कि उनके पास अन्य गोदामों में भी गाड़ियां खड़ी रखने की सूचना है। उन गोदामों पर भी छापामारी की जाएगी।





इस गाडी का RTO से परमिट ख़त्म हो गया फिर भी कर रहे इसका इस्तेमाल 👆🏻

 

ऑन डिमांड होती है लग्जरी कारों की

ऑन डिमांड लग्जरी कारों की चोरी कर मोटी रकम में बेचा जाता है। वही चोरी की गाड़ियों के बॉडी पार्ट्स दूसरे गाड़ियों में फिट करके सड़कों चलने दिया जाता है। ऐसे गोदामों के लोग रेकी करते है और जैसे ही टार्गेट वाली गाड़ी उन लोगों को मिल जाती थी उस गाडी को बिना RTO परमिशन के दूसरे गाडी में पलटा दिया जाता है। चोरी की गई गाड़ियों के इंजन व चेचिस नंबर बदले जाते है सूत्रों का कहना है कि गाड़ी चोरी रैकेट के किसी सदस्य को ऐसी गाड़ियां दी जाती है।


गाड़ी चोर एजेंट के भेष में गाड़ी मालिक को 25 से 50 हजार रुपये ज्यादा देने का लालच देता है। इसके बाद वह गाड़ी मालिक से उसकी गाड़ी के मूल कागज ले लेता है और कुछ कागजों पर उससे दस्तखत करवा लेता है। इन कागजों में एक कागज आरटीओ से जुड़ा होता है। यह कागज गाड़ी के एक राज्य से दूसरे राज्य में रजिस्ट्रेशन के ट्रांसफर से जुड़ा होता है। असली खेल इसके बाद ही शुरू होता है। 70 प्रतिशत से ज्यादा क्ष्रतिग्रस्त हुई गाड़ी के सिर्फ कागज ही नहीं, वह क्षतिग्रस्त गाड़ी भी एजेंट के जरिए गाड़ी चोरों को मिल जाती है।



इसके बाद उसी मॉडल, उसी कलर की गाड़ी चुराई जाती है। उस चुराई गई गाड़ी को फिर एक गैराज में ले जाया जाता है। उसके इंजन व चेचिस नंबर को कट करके निकाला जाता है और उसमें 70 प्रतिशत से ज्यादा क्ष्रतिग्रस्त हुई गाड़ी के इंजन व चेचिस नंबर को फिट किया जाता है। चूंकि 70 प्रतिशत से ज्यादा क्षतिग्रस्त हुई गाड़ी के मूल कागज एजेंट के भेष में गाड़ी चोरों तक पहले से ही होते हैं, इसलिए गाड़ी चोर दूसरे राज्य में चोरी की गई गाड़ियां भेजने में कोई दिक्कत नहीं होती है।

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