भाजपा का कवर्धा मॉडल फेल

Update: 2021-12-28 06:01 GMT

संदर्भ- नगरीय निकाय चुनाव

राजनीतिक संवाददाता

रायपुर (जसेरि)। नगरीय निकाय चुनाव में मिले ऐतिहासिक जीत को राजनीतिक पंडित कुछ दूसरा ही अर्थ निकाल रहे हैं, इसे कांग्रेस के लिए दूर की कौड़ी बताते हुए मील का पत्थर मान रहे हैं। इसमें कोई शक नहीं कि भूपेश बघेल ने साबित कर दिया कि राजनीतिक के आसमान पर फिर से पूरे देश में कांग्रेस का उदय करने की क्षमता रखते हैं। कांग्रेस हाईकमान को भी भूपेश बघेल पर पूरा विश्वास है कि कांग्रेस को केंद्र की सत्ता में वापसी में सबसे बड़ा योगदान होगा। भाजपा की कवर्धा मॉडल को छत्तीसगढ़ की जनता ने पूरी तरह से नकार दिया है। जिस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तरप्रदेश में जाकर ईद में बिजली और दिवाली में अँधेरा बोलकर ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रहे हैं उसी अनुरूप छत्तीसगढ़ में भी भाजपा ने कवर्धा की मामूली घटना को राइ का पहाड़ बना कर निकाय चुनाव में टेस्ट किया था लेकिन छत्तीसगढ़ की जनता ने कवर्धा घटना को तवज्जो नहीं देकर विकास के साथ चलना पसंद किया। छत्तीसगढ़ की अमन पसंद जनता ने यह भी बता दिया कि आगामी विधान सभा चुनाव मे भी कवर्धा मॉडल के सहारे भाजपा अगर नैया पार लगाने की सोच रही है तो उन्हें निराशा हाथ लगेगी। छत्तीसगढ़ के किसान, मजदूर,और युवाओं को काम चाहिए न कि साम्प्रदायिकता का माहौल। कवर्धा मॉडल को नगरीय निकाय चुनाव में भाजपाई टेस्ट कर रहे थे, इसके लिए बिरगांव में प्रयास भी किया गया था, लेकिन जनता ने नकार दिया। अगर नगर निगम चुनाव में कवर्धा मॉडल चल गया होता तो इसे बड़ा रूप विधानसभा चुनाव में आजमाने का इरादा भी पाल रखे थे।

भूपेश बघेल के विकास मॉडल ने भाजपा की कवर्धा मॉडल विकास की गंगा में बहा कर ले गया। भूपेश बघेल की जीत से भाजपाइयों को चिंतन करने की जरुरत है। और ज्यादा से ज्यादा जनता के हित से जुड़े मुद्दे उठा कर जनता के बीच जाना होगा क्योकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई भाजपा मंत्री छत्तीसगढ़ मॉडल की तारीफ कर चुके हैं। यानी देश भर में छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा की शुरूआत हो चुकी है। जिसके सहारे कांग्रेस को देश भर में फिर से स्थापित करने में मदद मिलेगी। जिस गौ माता को लेकर उत्तरप्रदेश में प्रधानमंत्री ने बयान दिया था, कि गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह है और हमारे लिए गाय माता है। भूपेश बघेल ने गौ माता के लिए पहले से इंतजाम कर दिया है और उनकी महत्वाकांक्षी योजना राजीव गांधी किसान न्याय योजना का अनुसरण कर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री ने तारीफ करते हुए वहां भी इसे लागू करने की घोषणा कर गोबर खरीदी भी प्रारंभ कर दिया है। यहां तो भूपेश बघेल ने पहले ही गौमाता के लिए कापी कुछ काम कर लिया है। भाजपाइयों को अपनी जमीनी पकड़ को मजबूत करनी होगी। इस चुनाव में भाजपा के तुलना में कांग्रेस ने काफी मेहनत कर वोटरों को साधने में समय बिताया। प्रेमनगर सहित अन्य कई जगह भाजपा का अभेदगढ़ मानकर चल रहे सीटों पर भी भाजपाइयों को निराशा हाथ लगी। पिछले 40 साल से भाजपा के कब्जे में रहे प्रेमनगर में हारना आगामी दो साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से संकेत अच्छे नहीं दिख रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में जनता ने भूपेश बघेल के प्रति विश्वास किया और बंपर समर्थन देकर पंजा पर मुहर लगाकर ऐतिहासिक जीत के साथ सारे रिकार्ड तोड़ दिए । उसी रिकार्ड को जनता ने निकाय चुनाव में फिर से दोहराया है। 15 में से 14 निकाय जनता ने कांग्रेस की झोली में डाल कर भूपेश बघेल के विकास मॉडल पर मुहर लगा दी है। भाजपा का साम्प्रदायिकता कार्ड कवर्धा मॉडल को जनता ने पूरी तरह से नकार दिया और भूपेश बघेल के विकास मॉडल पर भरोसा दिखाया। भाजपा के चाणक्य के मिथक को भूपेश बघेल ने तोड़ दिया। भूपेश सरकार का सीधा जनता से रिश्ता होना ही भूपेश बघेल सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा रही। शपथ लेने के बाद से आज तक भूपेश बघेल सरकार किसानों, मजदूरों और युवाओं के बारे में सोचते है और इम्प्लिमेंट करते हैं। छत्तीसगढ़ मॉडल की सर्वत्र हो रही तारीफ के कारण ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कांग्रेस हाईकमान ने आसाम चुनाव के बाद उत्तरप्रदेश जैसे बड़े राज्य में होने वाले चुनाव में मुख्य पर्यवेक्षक बनाकर अपनी उपयोगिता साबित करने का मौका दिया है। भारतीय जनता पार्टी और उनके अनुषांगिक संस्थाओं ने छत्तीसगढ़ की जनता की भावनाओं को समझ नहीं पाए। प्रदेश में कवर्धा घटना को काफी हवा देकर बिरगांव में भी आजमाने का प्रयास किया गया लेकिन छत्तीसगढ़ की भोली भाली जनता ने उनके प्रयास को नकार दिया। जनता जनार्दन ने हिन्दू-मुस्लिम पर ध्यान न देकर भूपेश सरकार की विकास पर ध्यान दिया। भूपेश बघेल ने आज साबित कर दिया कि कका अभी जिन्दा हे।  

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