रायपुर। परिवार नियोजन के अस्थाई साधन के तौर पर छाया साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोलियां महिलाओं की पहली पसंद बन रही हैं. जागरूकता बढ़ने से शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसका इस्तेमाल शुरू हो गया है. छाया गर्भनिरोधक गोलियों के प्रचार-प्रसार में मितानिनें भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में परिवार कल्याण शाखा के उप संचालक डॉ. तरुण कुमार टोंडर ने बताया कि परिवार को नियोजित रखने में छाया गर्भनिरोधक गोलियां काफी कारगर है. प्रदेश में इसका उपयोग बढ़ रहा है. 2020-21 में जहां इसकी एक लाख 16 हजार 840 स्ट्रिप्स इस्तेमाल हुई थीं, वहीं 2021-22 में एक लाख 56 हजार 411 स्ट्रिप्स का इस्तेमाल हुआ है.
छाया गर्भनिरोधक गोलियों का वितरण स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा मितानिनों के द्वारा भी गृह भ्रमण के दौरान किया जा रहा है. राज्य में परिवार नियोजन के प्रति महिलाओं की रुचि बढ़ रही है. पिछले साल की अपेक्षा इस साल छाया का उपयोग करने वाली महिलाओं की संख्या में इजाफा हुआ है.
सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर नि:शुल्क उपलब्ध है गोली
छाया गर्भनिरोधक गोली प्रदेश के सभी जिला मातृ एवं शिशु अस्पतालों, जिला अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है. अनेक मितानिनें स्वयं परिवार नियोजन के लिए छाया अपनाकर उदाहरण प्रस्तुत कर रही हैं. साथ ही अन्य महिलाओं को भी प्रेरित कर रहीं हैं.
नहीं है कोई साइड इफेक्ट
डॉ. टोंडर ने बताया कि स्टेरॉइड न होने की वजह से छाया नॉन-हार्मोनल गर्भनिरोधक गोली है. जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है. मासिक चक्र के दीर्घकरण के अलावा छाया का कोई दुष्प्रभाव नहीं पाया गया है. हार्मोनल गोलियों की तुलना में छाया के सेवन से मोटापा, पतली होना, उल्टी या चक्कर आना, रक्तस्त्राव और मुहांसे जैसे कोई दुष्प्रभाव नहीं होते. इस कारण ये ज्यादा सुरक्षित है.
कैसे करें सेवन
डॉ. टोंडर ने बताया कि छाया का सेवन शुरू करने के लिए मासिक चक्र शुरू होने के दिन पहली गोली लेनी होती है. इसके बाद चौथे दिन दूसरी गोली. उदाहरण के तौर पर यदि किसी का मासिक चक्र रविवार को शुरू हुआ तो पहली गोली रविवार को और दूसरी चौथे दिन यानि बुधवार को लेनी होगी. इसके बाद तीन महीने तक हर हफ्ते रविवार और बुधवार को ये गोली लेनी है. तीन महीने बाद हफ्ते में एक गोली सिर्फ रविवार को लेना है जब तक बच्चा नहीं चाहिए.