शहजाद शेख आत्महत्याकांड: नामजद आरोपी को संरक्षण, सिपाही को बचाने की कोशिश
आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वाले को छोडक़र आत्महत्या वाले को ही बना दिया आरोपी
पीडि़त पक्ष ने आईजी को शिकायत पत्र दिया
रायपुर। संजय नगर इलाके के लोग लगातार टिकरापारा थाने में जाकर मोहल्ले के शहजाद शेख को प्रताडि़त कर उकसाने वाले सिपाही के विरूद्ध प्रताडऩा से तंग आकर आत्महत्या के मामले को लेकर इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं लेकिन थाना में कोई सुनने वाला नहीं है। उक्त अपराध में नाम दर्ज अपराध के विरूध्द थाना टिकरापारा में उदासीनतापूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है। आत्महत्या को प्रेरित करने वाले व्यक्ति के विरूध्द कार्यवाही करने की अपेक्षा संबंधित पुलिस वालों के द्वारा भरने वाले व्यक्ति के विरूध्द ही अनुचित विवेचना की जा रही है अर्थात मृतक के आत्महत्या के पक्ष को गलत और अपराधियों को सही साबित करने का दुष्प्रयास किया जा रहा है जो कि पूर्णत: अनुचित है।
पीडित पक्ष ने आईजी को पत्र देकर जल्द से जल्द आरोपियों के खिलाफ कर्रवाई करने की मांग की और कहा कि अपराधियों को संरक्षण प्रदान करते हुए मृतक की हैण्ड राइटिंग विशेषज्ञ से जांच में भी अत्यधिक विलंब किया जा रहा है तथा थाना टिकरापारा के आरक्षक महेश नेताम भी अपराधियों के साथ सांठ गांठ में शामिल है क्योकि सुसाइड नोट में हेड कॉन्स्टेबल महेश नेताम का नाम भी है। जांच में विलंब होने से अपराध के सबूतों से हेर फेर भी कर सकते हैं और साक्ष्य को नष्ट कर सकते हंै क्योंकि अपराधी को गिरफ्तार नहीं किया गया। अत: निवेदन है कि थाना टिकरापारा के अंतर्गत घटित अपराध के 9नवं2024 में गंभीरता पूर्वक विवेचना की जाये और अपराधियों को गिरफ्तार कर सख्त से सख्त सजा भी दिलाई जावे।
पुलिस घर वालों से मांग रही क्लू
इस केस में बड़ा ही अजीब-अजीब मोड़ देखने को मिल रहे है , पुलिस के पास मुखबिर और सशस्त्र बल होने के बाद भी जब परिवार वाले थाने जाकर न्याय की गुहार लगाता है तो पुलिस के अधिकारी और विवेचक परिवार वालों से कुछ क्लू देने की बात कहते है। केस को डायवर्ड करने के लिए पुलिस वाले विववेचना के नाम पर परिवार वालों को बिना सिर पैर वाले सवाल कर रहे है। जिसका परिवार से कोई लेना देना नहीं है। परिवार का सीधा आरोप है कि जब हमने नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है तो पुलिस वाले उस पर क्य़ों कार्रवाई नहीं कर रहे है।
महेश नेताम से खौफ खाते थे अधिकारी
सुसाइड नोट में हेड कॉन्स्टेबल महेश नेताम का नाम भी है, 21 नवंबर से यह मामला चर्चा में होने के साथ यह खबर लगातार सुनाई आ रहा है कि टिकरापारा थाने में महेश नेताम की तूती बोलती थी, इसिलए नेताम के विरूद्ध थाने के विवेचक से लेकर टीआई तक एक्शन लेने से कतरा रहे थे। पता चला है कि टिकरापारा थाना में आने वाले समस्त लेनदेन की जानकारी है, इसिलए थाना टिकरापारा इस केस को किसी तरह पब्लिक इंट्रेस्ट से दूर करने के लिए मामले को चलताऊ ढंग से खानापूर्ति कर समय जाया करने का आरोप पीडि़त पक्ष लगा रहा है।
थाने में आरोपी के बजाय आत्महत्या करने वाले के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है। मोहल्ले में बच्चों के आपसी झगड़े के मामले में शहजाद शेख के खिलाफ. एफआईआर हुई थी । परिजनों का आरोप, बच्चों की लड़ाई में झूठी रिपोर्ट कराई गई थी।संजय नगर मुतवल्ली ने टिकरापारा थाना में रिपोर्ट कराई थी ।शहजाद शेख के बच्चे को जबरन उठाकर थाने में 48 घंटे बिठाया इससे तंग आकर शहजाद शेख ने आत्म हत्या कर ली । इसके पास से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें थाने के एक सिपाही पर प्रताडऩा को जान देने का कारण बताया है। सरकारी अमले की प्रताडऩा से आत्महत्या का यह दूसरा मामला है । इससे पहले रायपुर तहसील आफिस के रीडर प्रदीप उपाध्याय ने एटीएम समेत तीन डिप्टी कलेक्टर और स्टेनो पर प्रताडि़त करने की बात लिखकर फांसी लगा लिया था। कमिश्नर महादेव कावरे ने मामले की जांच किया । इसी तरह इस केस में भी त्वरित कार्रवाई कर पुलिस प्रशासन जनता के साथ न्याय करे।