बेमेतरा। बेमेतरा जिले के विकासखंड नवागढ़ के ग्राम नगधा के शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय परिसर में गुरुवार को पक्षी महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन वनमंडल दुर्ग की ओर से किया गया। दो दिवसीय पक्षी महोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 8:30 बजे से प्रारंभ की गई, जिसमें गिधवा-परसदा, मुरकुटा और नगधा गांव के बच्चों से लेकर बुजुर्गों में पक्षी महोत्सव कार्यक्रम को लेकर काफी उत्साह दिखा। पक्षी महोत्सव कार्यक्रम में स्कूली छात्र/छात्राओं के लिए पर्यावरण व विभिन्न पक्षियों से संबंधित रंगोली व चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यार्थियों ने रंगोली व चित्र बनाकर प्रतियोगिता में भाग लेकर बेहतर प्रदर्शन किए। इसके अलावा कार्यक्रम में मैराथन दौड़ भी कराया गया। इसके पश्चात दोपहर में ग्रामीणों वं स्कूल के छात्र-छात्राओं को पक्षी दर्शन कराया गया। कार्यक्रम में स्कूली बच्चों की ओरसे मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुती दी गई। इन प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर पदुम सिंह एल्मा ने कहा कि पक्षियों के संरक्षण के उद्देश्य से कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। ग्राम गिधवा परसदा नगधा व आस-पास के गांव में देश-विदेश से मेहमान पक्षी आते है, इनका हम सबको मिलकर संरक्षण करना चाहिए, जिससे भविष्य में इस स्थान पर और भी अधिक आवासीय पक्षियों का बसेरा होता रहे। कलेक्टर ने ग्रामीणों अपील करते हुए कहा कि यहां आने वाले पक्षियों का शिकार न करें उन्हें किसी भी प्रकार से हानि न पहुंचाये। कार्यक्रम के आयोजन कि लिए कलेक्टर ने वनमंडलाधिकारी दुर्ग को बधाई व शुभकामनाएं दी। पुलिस अधीक्षक आई. कल्याण एलिसेला भी कार्यक्रम में शामिल हुए और विद्यार्थियों व ग्रामीणों का उत्साहवर्धन किया।
वनमंडलाधिकारी दुर्ग शशि कुमार ने कहा कि प्रतिवर्ष पक्षी महोत्सव का आयोजन करना पक्षियों के संरक्षण के लिए एक अभिनव प्रयास है। हम पौराणिक काल से प्रकृति, पशु और पक्षियों की पूजा करते आये हैं। हमारे प्रवासी पक्षियों को सम्मान देना और उनकी संरक्षण करना हमारा कर्तव्य है। उन्होने कहा कि देश-विदेश से मेहमान पक्षियों के आने से गिधवा-परसदा-नगधा की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर हुआ है, पशु-पक्षियों के बिना धरती में जीवन अधुरा है। यदि मानव पक्षियों का संरक्षण नहीं करेगा तो इस धरती से अनेक पक्षी समाप्त हो जाएंगे। हम सौभाग्यशाली हैं कि गिधवा-परसदा-नगधा में शीत ऋतु में विदेशी मेहमान पक्षी प्रवास पर आते हैं। इनका हमें संरक्षण करना चाहिए। यह खुशी की बात है कि गांव के लोग इन पक्षियों का शिकार नहीं करते। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इन स्थानों में पिछले कई सालों से विदेशी मेहमान पक्षी आ रहे हैं। ग्रामीण इन्हे नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। गांव के लोग इन पक्षियों का संरक्षण करते हैं। हमर चिरई हमर चिन्हारी के रूप में ख्याति अर्जित कर चुके हैं। संस्कृत में एक श्लोक है प्रकृति रक्षति रक्षित: यानी हम प्रकृति की रक्षा करेंगे तो प्रकृति हमारी रक्षा करेगी। इस दौरान अनुविभागीय अधिकारी वन मोना माहेश्वरी, रेंजर माधुरी तिवारी, प्राचार्य आर.डी. कोशले, नवागढ़ जनपद पंचायत अध्यक्ष अंजली मारकण्डे, सरपंच नगधा थानेश्वर वर्मा, गिधवा-केशव राम साहू, परसदा-राजेश साहू, मुरकुटा फुलमती भारती, वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी व विद्यार्थी सहित ग्रामीणजन उपस्थित थे। ज्ञात हो कि गिधवा परसदा के बांध में प्रवासी पक्षियों का आगमन दिसम्बर में ही हो जाता है, यहां की आद्र भूमि और यहां का खाना प्रवासी पक्षियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां स्थानीय पक्षी लेसर विस्लिंग, डक कॉमन कूट, ब्लैक हेडेड, आइबिस ओपेन, बिल स्टोर्क बड़ी संख्या में आते हैं। वही सेन्ट्रल एशियन इंडियन फ्लाईवे से प्रवास करने वाले चीन मंगोलिया यूरोप रसिया सहित अन्य देशों से आने वाले प्रवासी पक्षियों की कई प्रजाति गिधवा परसदा में सर्दियां बिताने आती है। इन यूरोपीय बर्ड का यहां आना हमारी जमीन के लिए महत्वपूर्ण है, और ये दर्शाता है कि हमारी जमीन और खाना बहुत संतुलित है।