Raipur. रायपुर। एक बड़े घटनाक्रम में सीबीआई (CBI) ने सेक्स सीडी कांड की दीगर राज्य में सुनवाई करने का अपना आवेदन वापस ले लिया है। सीबीआई ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में आवेदन देकर, अपना पुराना आवेदन वापस ले लिया है। सीडी कांड, 27 अक्टूबर 2017 को उजागर हुआ था। इस मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल और उनके सलाहकार कांग्रेस नेता विनोद वर्मा आरोपी हैं, और वो जमानत पर हैं। उन पर अश्लील सीडी वायरल करने का आरोप है।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने तत्कालीन मंत्री राजेश मूणत का फर्जी सेक्स सीडी बनाकर बदनाम करने के मामले का खुलासा किया था, और फिर तत्कालीन रमन सिंह सरकार ने मामले की जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया था। इस प्रकरण पर चालान पेश हो चुका है लेकिन आगे की सुनवाई कानूनी अड़चनों के कारण नहीं हो पा रही है। इस पूरे मामले में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल, और विनोद वर्मा को गिरफ्तार भी किया था। विनोद वर्मा के नोएडा स्थित निवास पर भी छापेमारी की थी। वो करीब तीन महीने जेल में भी रहे। बाद में वो जमानत पर छूट गए। इस पूरे मामले में सीबीआई ने करीब 2 सौ लोगों को गवाह बनाया है।
ये था पूरा मामला
27 अक्टूबर 2017 को पूर्व मंत्री की कथित सीडी उजागर होने के बाद प्रदेश में राजनीतिक भूचाल आ गया था. छत्तीसगढ़ सेक्स सीडी कांड की जांच कर रही सीबीआई ने मामले में चार्जशीट दाखिल किया था. सीबीआई ने चार्जशीट में दावा किया कि पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत की सेक्स सीडी फ़र्ज़ी थी, जो उनकी ही पार्टी के बीजेपी नेता कैलाश मुरारका ने तैयार करवाई थी. गौरतलब है कि 27 अक्टूबर, 2017 को एक कथित सेक्स टेप वायरल हुआ था, जिसमें छत्तीसगढ़ के एक मंत्री का नाम सामने आया था. बाद में इस मामले में दिल्ली से पत्रकार विनोद वर्मा की गिरफ्तारी हुई थी।
इस मामले में भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) ने कांग्रेस नेताओं पर कथित सेक्स सीडी बांटने का आरोप लगाया था. सीडी कांड में आरोपी विनोद वर्मा के साथ ही भूपेश बघेल के खिलाफ रायपुर में प्राथमिकी दर्ज हुई थी. मामले को तूल पकड़ता देख राज्य सरकार ने यह मामला सीबीआई को सौंप दिया था. सीबीआई ने मामले में भाजपा और कांग्रेस नेताओं से पूछताछ की थी. इस बीच सेक्स सीडी कांड से जुड़े रिंकू खनूजा नामक व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. रिंकू खनूजा की मौत के बाद इस मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया था।