राजनीतिक संवाददाता
विभिन्न चैनलों का सर्वे: छत्तीसगढ़ में दोबारा कांग्रेस सरकार बनने के संकेत
जनता से रिश्ता ने सबसे पहले 21 मार्च के अपने सर्वे में ही यह बता दिया था
रायपुर। कल विभिन्न चैनलों के सर्वे के मुताबिक भूपेश बघेल फिर से सरकार बनाते नजर आ रहे हैं। जनता से रिश्ता ने सर्वप्रथम 21 मार्च को इस बारे में समाचार प्रकाशित कर चुका है। कल के चैनलों के सर्वे ने हमारी खबर की पुष्टि कर दी है। चैनलों के सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक इस वर्ष के अंत में 2023 में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को 44 प्रतिशत, भाजपा को 43 प्रतिशत और अन्य को 13 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान लगा रहे हैं। अनुमान के मुताबिक अगर आज की स्थिति में चुनाव होते हैं तो कांग्रेस को 47 से 52 सीट भाजपा को 34 से 39 सीट और अन्य को 1 से 5 सीट मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है। देखा ये जा रहा है की वोट शेयर में मात्र 1 प्रतिशत का ही फर्क दिख रहा है। लेकिन भूपेश बघेल जिस प्रकार से गरीबो, महिलाओ, बेरोजगार युवाओ, किसानो, अनियमित कर्मचारियों और समाज के विभिन्न तबकों के हित में घोषणा कर रहे हैं उससे वोट शेयर बढऩे का अनुमान राजनीतिक विश्लेशक लगा रहे हैं। प्रदेश के नेता भी कई सभाओं में कांग्रेस के रिपीट होने की बात कह रहे हैं उसका वजह वे यह भी बता रहे हैं की राज्य सरकार ही विभिन्न जनहितकारी और मजबूत योजनाओं के सहारे कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ में फिर से रिपीट होगी।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के विभिन्न योजनाओं की तारीफ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर चुके हैं। और केंद्र सरकार द्वारा पुरस्कार भी दिया गया है। साथ ही भाजपा के कई मुख्यमंत्रियों ने भी छत्तीसगढ़ की योजनाओं का सराहा है और अपने प्रदेश में लागू करने की बात कहकर लागू भी किया गया। इससे जाहिर होता है कि छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार की जनहितकारी योजनाओं के कारण छत्तीसगढ़ की जनता को मिल रहे फायदे को देखते हुए सरकार रिपीट होने की चर्चा चल रही है। छत्तीसगढ़ में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है जिसके लिए राजनितिक सरगर्मिया अभी से बढ़ गई है। जनता से रिशत ने अपने पिछले अंक में इस बात की तस्दीक भी कर दी थी की भूपेश बघेल जिस प्रकार से जनोपयोगी योजनाएं छत्तीसगढ़ में ला रही है उसको देखते हुए सरकार रिपीट होगी। हालांकि भाजपा नेता भूपेश सरकार को विफल बता रही है लेकिन ग्रामीण और शहरी क्षेत्र से मिल रही फीडबैक के मुताबिक भूपेश बघेल फिर से सरकार बनाते दिख रहे हैं। यह भी बताया जा रहा है कि भूपेश बघेल शीघ्र ही कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण घोषणा करने वाले है, किसानों, मितानिनों, शिक्षित बेरोजगारों की तरह प्लेसमेंट -संविदा-अनियमित कर्मचारियों को सौगात दे सकते है। सीएम भूपेश चुनावी साल में मास्टर स्ट्रोक लगा सकते है। 2018 के चुनावी साल में संघर्ष की तपन से मिली सफलता से साढ़े चार साल बाद भी भूपेश बघेल तरोजाता दिखाई दे रहे है। विपक्ष भाजपा के हर सवाल के जवाब के साथ कर्मचारियों को खुश करने के लिए उनके पिटारे में सैकड़ों तरकस रखे हुए है। अब पिछले एक साल से मिल रहे ग्रामीण क्षेत्रों के फिडबैक से कांग्रेस खेमे में खासा उत्साह देखा जा रहा है। राजनीतिक जानकारों की माने तो भूपेश है तो भरोसा है को कायम रखने के लिए सीएम कर्मचारियों को लिए कोई बड़ा फैसला लेकर कर्मचारियों का भरोसा जीत सकते है। भूपेश बघेल ने इस बार अंतिम बजट पेश किया था विपक्ष के नेता इसे चुनावी बजट बता रहे थे, चूंकि यह बजट चुनावी साल का बजट है तो स्वाभाविक है लोगो को फायदा ही फायदा होगा।
इस बजट में किसान, गरीब, मजदूर, युवा, मितानिन सहित लगभग समाज के सभी व्यक्तियों को संतुष्ट करने का प्रयास किया गया था । एक हिसाब से मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढियों के लिए पिटारा खोल दिया है। हर वर्ग को संतुष्ट करने का प्रयास किया गया है। वही भूपेश बघेल ने किसानों का धान 2700 के दर से खरीदने की घोषणा कर आने वाला चुनाव फिर से बाजी मारने की कोशिश की है। दूसरी तरफ कांग्रेस के अंदरखाने से जानकारी मिल रहे है की भूपेश बघेल एक मास्टर स्ट्रोक चलने वाले हैं की प्रदेश में कार्यरत प्लेसमेंट कर्मचारियों को लेकर भी अतिशीघ्र घोषणा करने वाले है यदि बात सही साबित होती है तो यह प्रदेश के लगभग पांच लाख परिवारों को भूपेश बघेल अपने पाले में करने में सफल हो जायेंगे। घोषणा के मुताबिक प्लेसमेंट कर्मचारियों को जिनकी सेवाएं 3 से 5 साल के बीच हो चुकी है उनको नियमितीकरण का फायदा मिल सकता है।
और जिनकी सर्विस कम है वे उक्त अवधि पूर्ण करने के उपरांत इस हेतु पात्र हो जायेंगे।
वैसे भी भूपेश बघेल ने राज्य के युवाओं को होली के पहले मुख्यमंत्री ने बड़ी सौगात दे चुके हैं। राज्य के 12 वीं पास युवाओं को जिनकी वार्षिक आय ढाई लाख रुपये तक होगी उनको हर महीने 2500 रुपए का बेरोजगारी भत्ता दिए जाने की घोषणा भी इस बजट में उन्होंने की है जिससे राज्य के युवाओ में काफी खुशी देखी जा रही है। लेकिन पिछले चुनावी घोषणा पत्र के समय एक हाथ में गंगाजल और एक हाथ में चुनावी मेनिफेस्टो लेकर उन्होंने कहा था कि हम 10 दिन के अंदर कर्मचारियों का नियमितीकरण करेंगे। उसके बाद उन्होंने कहा था कि पहला साल का किसान होगा। दूसरा साल कर्मचारियों का होगा। मगर ऐसा नहीं हुआ लेकिन अब ऐसा माना जा रहा है की अनियमित कर्मचारियों के साथ प्लेसमेंट कर्मचारियों को भी इसका फायदा मिलने की उम्मीद है। कभी भी भूपेश बघेल इसकी घोषणा कर सकते हैं। नियमितीकरण पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में सकारात्मक जानकारी भी दे चुके हैं इससे जाहिर होता है कि शीघ्र ही भूपेश बघेल अनियमित कर्मचारियों के लिए बड़ी घोषणा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इसमें शासन के सभी 44 विभागों से प्रदेश के अनियमित, दैनिक वेतनभोगी और संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों की संख्या की जानकारी मांगी गई थी। लेकिन अबतक 38 विभाग से ही जानकारी मिली है। अभी 8 विभागों से जानकारी बाकी है इसलिए नियमितीकरण करने का समय बताना संभव नहीं है यानि सभी विभागों से जानकारी मिलने के पश्चात नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। हो सकता है उनके नियमितीकरण के साथ प्लेसमेंट कर्मचारियों का भी भला होने की उम्मीद दिखाई दे रही है। देखा जाये तो प्लेसमेंट के कर्मचारी सभी महत्वपूर्ण विभाग में कार्य कर रहे है उन्हें नियमित भुगतान भी किया जा रहा है। जब जरुरत है तभी तो उन्हें काम पर रखा गया है। इन सब बातो को देखते हुए शीघ्र ही भूपेश बघेल इन प्लेसमेंट कर्मचारियों के लिए घोषणा कर सकते हैं।
छत्तीसगढ़ की इस वीआईपी सीट का क्या है चुनावी समीकरण
दुर्ग। छत्तीसगढ़ में इस साल यानी 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ के उन वीआईपी विधानसभा सीटों की हम बात करेंगे। आज हम छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विधानसभा सीट की बात करेंगे, जहां से भी विधायक हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के पाटन विधानसभा से विधायक हैं। इस साल विधानसभा चुनाव में क्या राजनीतिक समीकरण बन रही है। वैसे तो जब साल 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ तो दुर्ग जिले का पाटन विधानसभा वीआईपी सीट में नहीं आता था। लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव होने के बाद पाटन विधानसभा वीआईपी सीट बन गया है। क्योंकि भूपेश बघेल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए पाटन विधानसभा से चुनाव लड़े थे और भारी मतों से जीत हासिल की थी। इसके बाद भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बन गए। इसलिए पाटन विधानसभा सीट को लोग वीआईपी सीट के तौर पर छत्तीसगढ़ में जानने लगे।
पिछले विधानसभा चुनाव में क्या परिणाम आया था
2018 के विधानसभा चुनाव में पाटन विधानसभा सीट से कांग्रेस की ओर से भूपेश बघेल उम्मीदवार थे और बीजेपी के तरफ से मोतीलाल साहू को उम्मीदवार बनाया गया था। भूपेश बघेल ने भाजपा उम्मीदवार मोतीलाल साहू को लगभग 27 हजार के भारी मतों से मात दिया था। इस जीत के बाद भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने 90 विधानसभा सीटों में से 68 सीटों पर अपनी जीत दर्ज की थी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के तौर पर भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने।
इस साल सीएम भूपेश बघेल का पाटन से लडऩा लगभग तय
एक बार फिर छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में यह तय माना जा रहा है सीएम भूपेश बघेल एक बार फिर पाटन विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे। लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि भाजपा इस बार सीएम बघेल को मात देने के लिए किसे अपना उम्मीदवार बनाती है। क्या पिछले चुनाव में भूपेश बघेल से हार चुके मोतीलाल साहू को एक बार टिकट दिया जाएगा या फिर एक बार भूपेश बघेल को मात देने वाले मौजूदा भाजपा से दुर्ग सांसद विजय बघेल को फिर एक बार मैदान में उतारती है। यह तो चुनाव होने के समय ही पता चल पाएगा।