भूपेश बोले छत्तीसगढ़ में शुरू की जा चुकी है जांच; वहीं रमन का सवाल कि ढाई साल तक क्यों नहीं कराई जांच

Update: 2021-07-22 01:44 GMT

फाइल फोटो 

पेगासस जासूसी कांड में राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई बड़े नेताओं और पत्रकारों की जासूसी का मामला सामने आने के बाद कांग्रेस आक्रामक हो गई है। इस मामले में छत्तीसगढ़ के भी छह लोगों के नाम सामने आए हैं। इस मुद्दे पर सीएम भूपेश बघेल का बयान सामने आने के बाद से हलचल तेज हो गई है। सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि 2017 में पेगासस के लोग छत्तीसगढ़ आए थे। लेकिन किससे मिले, क्या डील हुई और क्या बातें हुई इसकी जानकारी नहीं हो पाई है। इसलिए इसके लिए जांच कमेटी गठित की है, जो जांच कर रही है।

सीएम भूपेश ने कहा कि रमन सिंह को बताना चाहिए कि कौन लोग यहां आए थे, वे किनसे मिले थे और उनके बीच क्या डील हुई थी? सीएम ने केन्द्र सरकार पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि भारत सरकार को यह बताना चाहिए कि इस मामले में किससे डील हुई? कितने की डील हुई? मंत्रियों, पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी क्यों कराई गई और आखिर जासूसी का उद्देश्य क्या था? इसे जानने का हक पूरे देश को है।

पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने कहा कि साहेब मन की बात नहीं करते, बल्कि सुनते हैं छुपकर। भाजपा का नाम भारतीय जासूसी पार्टी रख देना चाहिए। इस मामले में मोदी और शाह चुप क्यों हैं? इस मामले में मोदी की संलिप्तता की भी जांच होनी चाहिए। पलटवार करते हुए पूर्व सीएम रमन सिंह ने सीएम बघेल से सवाल किया कि पेगासस के लोग 2017 में रायपुर आए थे।

आज 2021 हो गया है, बघेल सो रहे थे क्या? दिल्ली से देशभर में पीसी करने के आदेश हुए तो बेसिर पैर की बातें कर रहे हैं। डा. सिंह ने कहा कि दरअसल फोन टैपिंग के जन्मदाता ही कांग्रेस और उसके नेता रहे हैं। पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के वित्त मंत्री रहते फोन टैपिंग किसी से छिपी नहीं है। छत्तीसगढ़ में तीन साल बाद नींद क्यों खुल रही है। कोई तथ्य है, तो जांच करा लें।

सीएम, पीसीसी अध्यक्ष जैसे जवाबदेह लोग गैरजिम्मेदाराना बयानबाजी कर रहे हैं। केवल अपने आकाओं सोनिया -राहुल गांधी को खुश करने का प्रयास मात्र है। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस के नेता केवल पीसी लेने की परंपरा न निभाएं। कोई सबूत हो तो दें।

सुब्रत की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी
मामले का अंग्रेजी अखबार में 1 नवंबर 2019 को खुलासा होने के बाद सीएम भूपेश ने तत्कालीन होम सेक्रेटरी सुब्रत साहू की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। इसमें डीजी डीएम अवस्थी, तत्कालीन डीपीआर तारण सिन्हा और आईजी इंटेलिजेंस आनंद छाबड़ा सदस्य हैं।


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