निगम-मंडलों में नियुक्ति पर भूपेश बघेल का दो टूक- नियुक्तियां मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार फिर भी समन्वय से निर्णय की कोशिश
कांग्रेस पार्टी की परिपाटी रही है कि मुख्यमंत्री ही मंत्रिमंडल से लेकर निगम मंडल और संगठन को अपने हिसाब से ही संगठित कर कांग्रेस कार्याकर्ताओं को सभी जगह में समायोजित किया जाता है।
भूपेश बघेल राज्य में कांग्रेस की सरकार बनते ही सभी नेताओं की सहमति से और सभी गुटों से समन्वय करके हर तरह की पद -प्रतिष्ठा को ध्यान में रखकर छोटे से लेकर बड़े कार्यकर्ता को उसकी कार्यक्षमता के अनुसार कांग्रेस पार्टी के संगठन से लेकर राज्य मंत्रिमंडल और निगम मंडल में नियुक्त करते हुए समन्वय बनाए रखने का हमेशा प्रयास करते है और कर रहे हैं। ऐसा ही मानना राज्य के आमकार्यकर्ताओं का है और बड़े राजनीतिक विचारक इस बात को स्वीकार करने से भी नहीं हिचकते है।
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। छत्तीसगढ़ में निगम-मंडल में नियुक्ति विवाद के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को साफ किया कि निगम-मंडल में नियुक्ति मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। शहीद वीरनारायण सिंह की जन्मभूमि सोनाखान रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री बघेल ने मीडिया से चर्चा में कहा कि निगम-मंडल की नियुक्ति मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है, लेकिन प्रदेश में सभी के साथ समन्वय बनाकर ही नियुक्ति की जाएगी। दरअसल, नियुक्ति को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम की नाराजगी की खबरें सुर्खियों में थी। इन खबरों पर जब मुख्यमंत्री से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सभी नाम पर सहमति के बाद ही नियुक्ति की जाएगी। सरकार और संगठन में खींचतान की चर्चा के बीच मुख्यमंत्री का बयान निगम-मंडल में पद पाने की आस लगाए पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए राहत वाला है।विवादों के बीच कांग्रेस के प्रदेश सहप्रभारी चंदन यादव शुक्रवार को चार दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं। प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया के आने की भी चर्चा थी, लेकिन अब तक उनका कार्यक्रम तय नहीं हो पाया है। बताया जा रहा है कि चंदन सामाजिक संगठनों और पार्टी पदाधिकारियों की ओर से आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। साथ ही निगम-मंडल को लेकर मचे घमासान को शांत करने का भी प्रयास करेंगे। कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो निगम-मंडल की सूची सरकार के दो साल पूरे होने से पहले आ जाएगी। हालांकि सूची को दो चरणों में जारी करने की तैयारी की गई है। पहली सूची में प्रदेश स्तर के नेताओं को दी गई जिम्मेदारी को जारी किया जाएगा। वहीं, दूसरी सूची में निगम-मंडल, आयोग और प्राधिकरण के सदस्यों के नाम जारी होंगे।
रमन के घोटालों के आरोप पर सीएम ने किया पलटवार : पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह रमन सिंह ने प्रदेश सरकार की नरवा गरवा, घुरवा बाड़ी योजना में गोबर घोटाले की बात कही थी। इस कारण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान पलटवार करत हुए कहा कि रमन सिंह घोटाले से बाहर नहीं आ पाए हैं, इसलिए तो उन्हें हर काम में घोटाला नजर आता है।बघेल ने कहा गोबर खरीद-बिक्री पर सवाल उठाने वालों को पहले यह तो जान लेना चाहिए था कि जब पेमेंट आनलाइन होता है, तो घोटाला कैसे होगा? राजनंदगांव के धान खरीद केंद्र में किसान की मौत पर पत्रकारों से चर्चा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि किसी की स्वाभाविक मौत को रोकना किसी के बस में नहीं होता। बघेल ने यह भी कहा कि किसान की मौत पर भाजपा को राजनीति नहीं करनी चाहिए।
उधर, निगम-मंडल में नियुक्ति के लिए पीसीसी अध्यक्ष के द्वारा प्रस्तावित नामों पर वरिष्ठ नेताओं की आपत्ति से मरकाम की नाराजगी के बीच मुख्य मंत्री भूपेश बघेल का बयान आया है कि निगम-मंडल में नियुक्ति का विशेषाधिकार मुख्यमंत्री का होता है। मगर, सामूहिक नेतृत्व की यही तो खासियत है सभी वरिष्ठ नेताओं से रायशुमारी कर नाम तय कर रहे हैं, इस कारण थोड़ा समय तो लगेगा। उन्होंने गुरुवार को कोरिया जाने से पहले पत्रकारों से बातचीत में यह बात कहते हुए बताया कि इसके बावजूद सूची जल्द आ जाएगी।
निगम-मंडल में नियुक्ति को लेकर बुधवार शाम को मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई थी। पीसीसी अध्यक्ष बैठक शुरू होने से पहले कोंडागांव चले गए थे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मरकाम अपनी तरफ से तीन नाम लेकर गए थे, लेकिन उन तीनों नामों पर बाकी नेता सहमत नहीं थे।