रायपुर। सावन का महीना भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना वंदन का पवित्र महीना होता है, इस वर्ष सावन माह में अधिक मास की युति है, और इस माह को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। पुरुषोत्तम यानी भगवान विष्णु, अर्थात पुरुषोत्तम मास, सावन माह में होने की वजह से इस बार शिव और विष्णु दोनों की ही पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। भगवान विष्णु का एक नाम हरि है और भगवान शिव का एक नाम हर है। सोमवार को बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर में भगवान भोलेनाथ के हरिहर स्वरूप का श्रृंगार किया जाएगा। साथ ही सम्पूर्ण ब्रह्मांड के सभी देवी देवताओं के अस्त्र शस्त्र जो उन देवों के प्रतीक भी हैं और उन्हें धारण किये हुए हैं उन सभी वैदिक अस्त्र- शस्त्रों का निर्माण कर भगवान भोलेनाथ का दरबार सुसज्जित किया जाएगा। शास्त्रों में कुल 21 अस्त्रों के बारे में उल्लेख मिलता है, जिनमे कुछ अस्त्र रचना का कुछ अस्त्र संहार का कुछ अस्त्र शांति और मोक्ष का प्रतीक हैं। आज के श्रृंगार में इन्हीं 21 शस्त्रों का का निर्माण कर भगवान भोलेनाथ का मंदिर सजाया जाएगा। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार इन सभी शस्त्रों की रचना शिव द्वारा ही विभिन्न विशिष्ट प्रयोजनों और जनकल्याण हेतु कि गई है।