भिलाई: वृद्धा फूलबासन ने मजदूरी से बचत कर दान में दी बाबा साहेब आंबेडकर की प्रतिमा, बौद्ध समाज ने की सराहना
यह प्रतिमा मजदूरी से जीवनयापन करने वाली फुलबासन बोरकर और उसकी पुत्री लक्ष्मी बोरकर ने दान में दी है। भारत रत्न बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा लग जाने से झिरिया पारा जैतवन बुद्ध भूमि की शान में इजाफा हो गया और वहां के निवासियों की वर्षों पुरानी मांग पूरी होने से उनमें खुशी का माहौल है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- भिलाई। रूआबांधा,झिरिया पारा बस्ती में बाबासाहेब आंबेडकर प्रतिमा का अनावरण वैसाख पूर्णिमा के अवसर पर भंते महेंद्र के मार्गदर्शन में किया गया। यह प्रतिमा मजदूरी से जीवनयापन करने वाली फुलबासन बोरकर और उसकी पुत्री लक्ष्मी बोरकर ने दान में दी है।
भारत रत्न बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा लग जाने से झिरिया पारा जैतवन बुद्ध भूमि की शान में इजाफा हो गया और वहां के निवासियों की वर्षों पुरानी मांग पूरी होने से उनमें खुशी का माहौल है।
यह प्रतिमा दान करने वाली वृद्धा फूलबासन एक विधवा श्रमिक है। उन्होंने अपनी मजदूरी से हर माह 500 से 1000 रुपए बचाकर यह प्रतिमा दान में दी है। वहीं प्रख्यात मूर्तिकार पद्मश्री जेएम नेल्सन ने भी अपना सहयोग दिया। लगभग 2 साल तक फूलबासन हर महीने पैसा चुकाने का कार्य कर रही है उसने किसी और से सहयोग लेने से भी इंकार कर दिया।
समाज ने धम्म के प्रति निष्ठा का शानदार उदाहरण बताते हुए वृद्धा की पहल की सराहना की है। प्रतिमा अनावरण के अवसर पर फूलबासन बाई का स्वागत संस्था की अध्यक्षा सुलक्षणा चौहान और उपाध्यक्ष सुकालु गजभिए ने किया
इस अवसर पर जेतवन बुद्ध भूमि रूवाबांधा के संरक्षक डॉ उदय कुमार धाबरडे ने सभी सहयोग करने वालों को धन्यवाद दिया तथा समाज हित में सामुदायिक भवन निर्माण के लिए और ज्यादा सहयोग करने की अपील भी की।
बौद्ध विहारो में वर्षावास व धम्मदेशना शुरू : भिलाई के नगर व आसपास के विभिन्न बुद्ध विहारों में त्रैमासिक वर्षावास एवं धम्मदेशना की शुरूआत हो गई है। सुगत बुद्ध विहार,अंबेडकर नगर सुपेला में भंते महेंद्र ने वर्षावास के प्रथम दिन त्रिशरण एवं पंचशील का पाठ कर कार्यक्रम की शुरुआत की तथा उपस्थित उपासकों को संबोधित करते हुए कहा कि बुद्ध के संदेश जीवन के हर क्षेत्र में हमें मार्गदर्शन करते हैं और हम सभी को धम्म का मार्ग और पंचशील का पालन करना चाहिए।इस दौरान डॉक्टर सिरसाठ, डॉक्टर वहाणे, फूलचंद खोबरागड़े ,नलिनी चौहान ,संगीता बोरकर,हुमने और तुरकाने आदि उपस्थित थे।