बच्चों को हिरासत में लेने की बात कहकर कर रहे वसूली - साइबर ठग अभिभावकों को कॉल करके उनके बेटे-बेटियों के हिरासत में होने की बात कहकर धमकाते हैं। वह खुद को पुलिस या कस्टम अफसर बताकर बात करते हैं और ड्रग, सेक्स रैकेट जैसे मामले में बच्चों को पकड़ने की बात कहते हैं। हिरासत से रिहा करने के बदले परिजनों से रुपये मांगे जाते हैं।
बचाव - कैसे करें पता कॉल करने वाला असली या नकली?
अगर आपके पास किसी पुलिस वाले के नाम से कॉल आए तो आप उसके असली और नकली होने का पता आसानी से कर सकते हैं. इसके लिए आप ट्रू कॉलर ऐप यूज कर सकते हैं। इसके अलावा गूगल पे, फोन पे और पेटीएम जैसे पेमेंट ऐप पर जाकर नंबर को चेक कर सकते हैं. इसके बाद उस कॉलर का असली नाम आपके सामने आ जाएगा। ध्यान रहे कि नाम का पता तभी चलेगा जब वो नंबर इन यूपीआई ऐप पर रिजस्टर्ड होगा। अगर वॉट्सऐप पर नंबर नहीं दिख रहा तो साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत करनी चाहिए।
शिकायत पोर्टल एवं हैल्पलाईन नम्बर- साइबर क्राइम की यहां करें शिकायत
साइबर फ्रॉड की शिकायत साइबर क्राइम पोर्टल की ऑफिशियल वेबसाइटhttps:@@cybercrime.gov.in पर करें, और साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर भी कॉल कर सकते हैं। इसके अलावा ठगी होने पर तुरंत पुलिस के पास जाएं. अनजान व्यक्ति की कॉल को खासतौर पर जब वो लालच या धमकी दे तो पुलिस की मदद लेनी चाहिए।