जगदलपुर। छत्तीसगढ़ का विकास किसानों की तरक्की के बिना संभव नहीं है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इसी रुपरेखा के साथ प्रदेश के विकास की लकीर खींच रहे हैं। शासन की ओर से किसानों के कल्याण के लिए संचालित योजनाएं किसानों तक पहुंचे, इसके लिए कृषि व सभी सहयोगी विभाग बेहतर ढंग से इनका क्रियान्वयन करें। यह बातें जिला पंचायत के सभाकक्ष में आयोजित किसान कल्याण परिषद की बैठक में परिषद के अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा ने कही। बैठक में उपाध्यक्ष महेन्द्र चंद्राकर, सदस्य जानकीराम सेठिया, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रकाश सर्वे उपस्थित थे। बैठक में कृषि, उद्यानिकी, पशुधन विकास, मत्स्य पालन, रेशम, वन विभाग के साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र की ओर से बस्तर जिले में संचालित योजनाओं की समीक्षा की गई। इस दौरान हितग्राही मूलक सामग्री के वितरण के अवसर पर जनप्रतिनिधियों को भी अनिवार्य रूप से आमंत्रित करने के निर्देश दिए गए। बस्तर में कॉफी, काजू सहित अन्य विशिष्ट उत्पादों की ब्रांडिंग पर जोर दिया गया।
आईल पॉम सहित अन्य तिलहनी फसलों की खेती के लिए भी किसानों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए गए। आयल पॉम की खेती के साथ सब्जी या कंद मूल की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए गए, जिससे किसानों की आमदनी में और वृद्धि हो। किसानों को इसके साथ ही दलहनी फसलों के लिए भी प्रोत्साहित करने पर जोर दिया गया। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना को किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी बताते हुए इसका लाभ प्रदान करने के निर्देश भी दिए गए। किसानों को मछली पालन के लिए प्रोत्साहित करने तथा अधिक से अधिक निजी तालाबों के निर्माण के निर्देश दिए गए। पशुधन विकास विभाग की ओर से पशुओं के तेजी से टीकाकरण के लिए प्रशंसा की गई। इस दौरान जिले में खाद-बीज की उपलब्धता, सिंचाई क्षमता में वृद्धि के लिए किए जा रहे कार्य, पंप विद्युतीकरण, सोलर पंप स्थापना, नलकूप खनन, फसल बीमा क्षतिपूर्ति, किसान क्रेडिट कार्ड आदि की समीक्षा की गई। बैठक में कृषि, उद्यानिकी, रेशम, मत्स्य पालन, पशुधन विकास विभाग, वन विभाग, जल संसाधन विभाग, विद्युत विभाग, कृषि विज्ञान केन्द्र, जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।