10 दिनों तक वेंटिलेटर में रही नन्हीं, 28 दिनों तक चला लंबा ईलाज

चिरायु योजना से लाभान्वित नन्हीं आरूषि के माता-पिता ने कलेक्टर का किया धन्यवाद

Update: 2023-02-23 11:46 GMT

सारंगढ़-बिलाईगढ़। सारंगढ़ के भंवरपुर ग्राम की निवासी 11 माह की नन्हीं बिटिया आरूषि कोशले पिता चैतराम कोशले जन्म से दुर्लभ गंभीर हृदय रोग (ट्रांस्पोजिसन ऑफ ग्रेट आर्टरी) से पीडि़त रही हैं। आरूषि के ईलाज हेतु चिरायु योजना के द्वारा जिला चिकित्सालय रायगढ़ से लेकर राज्य के विभिन्न अस्पतालों जिनमें मेकाहारा अस्पताल रायपुर, रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल रायपुर, सत्य साईं हॉस्पिटल रायपुर एवं अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान एम्स रायपुर में रिफर किया गया। इसके पश्चात चेन्नई स्थित अपोलो चिल्ड्रन हॉस्पिटल में रिफर किया गया, जहाँ इस रोग की गहन जाँच की गई। चिरायु योजना के माध्यम से आरूषि के इलाज के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना अंतर्गत 4 लाख रूपए की राशि स्वीकृत की गई जिसकी सहायता से चेन्नई के अस्पताल में सफलतापूर्वक ओपन हार्ट सर्जरी संभव हो पाया। माह भर चले इलाज के बाद अब आरुषि का स्वास्थ्य पहले से बेहतर है। आरूषि के माता-पिता ने अपनी नन्हीं बिटिया के इलाज हेतु शासन द्वारा किए गए सहयोग के लिए कलेक्टर डॉ.फरिहा सिद्दीकी को धन्यवाद ज्ञापित किया। कलेक्टर ने भी नन्हीं बिटिया को बेहतर स्वास्थ्य हेतु आशीर्वाद दिए। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एफ.आर.निराला, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. एनएल इजारदार, नोडल अधिकारी चिरायु डॉ.प्रभुदयाल खरे उपस्थित रहे।

10 दिनों तक वेंटिलेटर में रखा गया, 28 दिनों तक चला लंबा ईलाज

चेन्नई के अपोलो चिल्ड्रन हॉस्पिटल में रिफर होने के पश्चात डॉक्टरों की टीम ने गंभीरता से आरूषि की बीमारी की केस स्टडी करने के पश्चात् ओपन हार्ट सर्जरी हेतु परिजनों से चर्चा कर उन्हें आश्वस्त किया। सर्जरी के दौरान लगातार 10 दिनों तक आरूषि को वेंटिलेटर में रखा गया, उसके बाद उसे बाहर निकाला गया, जिससे परिजनों को आशा की किरणें दिखी। डॉक्टरों की टीम द्वारा इलाज के दौरान परिजनों को पल-पल इस बारे में सूचित किया गया। एक सप्ताह के पश्चात आरूषि को खतरे से बाहर बताया गया। कुल 28 दिनों तक चले लंबे इलाज के बाद आरूषि स्वस्थ होकर अपनी मां की गोद में आकर खेल रही थी।

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