एंबुलेंस ड्राइवर ने की 3 लाख की ठगी, मरीज के बेटे को दिया झांसा

छग न्यूज़

Update: 2022-02-11 02:42 GMT

बिलासपुर। रेलवे अस्पताल में पिता के उपचार के दौरान हुई पहचान के बाद ड्राइवर ने मैकेनिक से नौकरी लगवाने के नाम पर तीन लाख रूपए ले लिए। नौकरी नहीं लगने पर उसने एक लाख वापस भी कर दिया। दो लाख रूपए वापस करने पर टालमटोल करने लगा। इसकी शिकायत पर पुलिस ने जुर्म दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

सिरगिट्टी क्षेत्र के कोरमी में रहने वाले सुरेश यादव मोबाइल रिपेयरिंग का काम करते हैं। उनके पिता नंदराम यादव रेलवे कर्मी हैं। उन्होंने अपने पिता को उपचार के लिए जून 2017 में रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया था। इस दौरान उनकी पहचान तारबाहर में रहने वाले रमेश यादव और ईश्वर बेदी से हुई। दोनों ने सुरेश की मुलाकात हेमूनगर में रहने वाले विजय विल्सन से कराया।

विजय ने खुद को एंबुलेंस का ड्राइवर बताया। उसने सुरेश को उनके पिता की जगह में रेलवे में नौकरी लगवा देने की बात कही। उसके भरोसे में आकर सुरेश ने छह जून 2018 को एक लाख 50 हजार स्र्पये दे दिए। इसके कुछ दिन बाद ही उसने एक लाख रूपए और मांगे। इस पर सुरेश ने अपने चाचा पतराम के साथ जाकर रूपए दे दिए। अगस्त 2018 में विजय और स्र्पयों की मांग करने लगा। इस पर सुरेश ने अलग-अलग कर कुल तीन लाख स्र्पये विजय को दे दिए। इसके बाद भी नौकरी नहीं लगने पर सुरेश ने अपने स्र्पये वापस मांगे। इस पर विजय टालमटोल करने लगा। कई बार मांगने पर विजय ने दो बार में एक लाख स्र्पये लौटा दिए। इसके बाद वह स्र्पये वापस करने टालमटोल करने लगा। स्र्पये नहीं मिलने पर उन्होंने इसकी शिकायत तारबाहर थाने में की है। इस पर पुलिस जुर्म दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।


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