बीजापुर। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर के बयान पर मंत्री लखमा ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा, उन्हें मेरे मंत्री बनने से तकलीफ है. जब सरकार उनकी थी, तब काफिले को सुरक्षा क्यों नहीं दी गई थी. वर्तमान में कांग्रेस सरकार भाजपा के पूर्व मंत्री महेश गागड़ा, केदार को पूरी सुरक्षा मुहैया करा रही है. अजय का बयान केवल उनका पागलपन है. चुनाव में शिकस्त का डर और मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए बेतुका बयानबाजी कर रहे हैं.
अजय चंद्राकर का बयान - छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता व राज्य शासन के पूर्व वरिष्ठ मंत्री अजय चंद्राकर ने झीरम घाटी कांड न्यायिक जांच आयोग का कार्यकाल 6 माह बढ़ाये जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि झीरम का सच सबके सामने है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जांच आयोग बनाने की कोई जरूरत नहीं थी। झीरम कांड के प्रत्यक्षदर्शी कवासी लखमा तो उनकी सरकार में मंत्री हैं। भूपेश बघेल उनसे पूछ लें। वे जिसका नाम लें, भूपेश उसे फांसी पर लटकवा दें। कवासी लखमा से तो रोज पूछताछ होनी चाहिए। झीरम के पीड़ितों को चार साल में क्या मिला?
प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता पूर्व मंत्री व वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि जांच आयोग बनाने की जरूरत नहीं थी लेकिन कांग्रेस को राजनीति करनी है। यदि जांच रिपोर्ट समय पर आएगी तो कांग्रेस इस मुद्दे पर क्या राजनीति करेगी। उन्होंने भूपेश बघेल सरकार द्वारा बनाई गई कमेटियों के औचित्य पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इतनी कमेटी बनाई, कई जांच आयोग बनाए, उनमें से किसी की भी जांच रिपोर्ट नहीं आई। उन्होंने कहा कि क्या शराबबंदी कमेटियों की रिपोर्ट आई, क्या स्काईवॉक कमेटियों की रिपोर्ट आई, क्या भूपेश बघेल सरकार द्वारा गठित झीरम जांच आयोग की रिपोर्ट आई? जब प्रत्यक्षदर्शी कांग्रेस सरकार में मंत्री है तो उनसे ही पूछ लें कि सच क्या है। हो गई जांच और क्या। नाटक बंद करना चाहिए।