बरसों बाद मिनपा से छटे काले बादल, नक्सल प्रभावित क्षेत्र में ग्रामीण देख रहे नए सवेरा
छत्तीसगढ़। स्वतंत्रता दिवस सुकमा जिले के ग्राम मिनपा के रेंगापारा वासियों के लिए एक नया सवेरा लेकर आया। घनघोर जंगल और दुर्गम रास्तों से होते हुए लोगों के घरों तक अंधकार से आजादी पहुँची है। अरसों बाद स्वतंत्रता दिवस के दिन जिले के अतिसंवेदनशील नक्सल क्षेत्र मिनपा गांव अन्तर्गत रेंगापारा के ग्रामीणों ने नई सुबह का स्वागत किया। बरसों से उन्हें जिसका इन्तजार था, वह सुखद पल आखिरकार उन्हें 15 अगस्त की सुबह मिला। मिनपा से अंधकार अब कोसों दूर चला गया है। शासन प्रशासन के सफल प्रयासों से अब मिनपा तक बिजली पहुँच चुकी है।
वर्षों का इन्तजार हुआ खत्म, महज चार महिनों में पूर्ण किया गया कार्य
दरअसल मिनपा के ग्रामीणों को बिजली का लम्बे समय से इंतजार था मगर ग्रामीणों की यह इच्छा दुर्गम वनक्षेत्र और नक्सली विरोध के कारण पूरी नही हो पा रही थी। वर्ष 2006 में सलवा जूडूम के दौरान नक्सलियों द्वारा क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों को क्षति पहुँचाई गई। बिजली खंभों को भी उखाड़ फेंका गया था। तब से मिनपा के ग्रामीण अंधकार में रहने को विवश थे। क्षेत्रीय विधायक और उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा मिनपा क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहे। इसी का परिणाम रहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा मिनपा में विशेष रुचि के चलते मुख्यमंत्री मजराटोला विद्युतीकरण योजना अंतर्गत स्वीकृति दी गई। जिला प्रशासन से मई 2021 में कार्यादेश प्राप्त होते ही विद्युत विभाग ने तत्काल कार्य प्रारंभ किया और महज चार महिनों में ही दोरानापाल फीडर से टैपिंग के माध्यम से जगरगुण्डा, बुरकापाल होते हुए मिनपा तक बिजली पहुंचाई गई। विद्युतीकरण के लिए लगभग 7.8 किलोमीटर 11केवी लाइन और 2.3 किलोमीटर एलटी लाइन बिछाई गई। इसके साथ ही एक नग ट्रान्सफार्मर स्थापित कर मिनपा के रेंगापारा मजराटोला तक विद्युत आपूर्ति की गई। जिससे लगभग 30 परिवारों को अंधकार से आजादी मिली है।
कैंप की स्थापना से क्षेत्र में विकाय कार्यों को मिल रही गति
सुकमा जिले के अधिकांश अंदरुनी गांव आज भी अप्रत्यक्ष रुप से नक्सल हिंसा से ग्रसित है। मानव स्वभाव से अंधेरे से दूर भागता है और उजाले के करीब जाता है, मगर मिनपा क्षेत्र के कई गांवों के ग्रामीण नक्सलियों के भय से अपने घरों में बिजली की रोशनी को तरस गए थे। इस क्षेत्र में विद्युतीकरण में दुर्गम वन क्षेत्र के साथ ही नक्सली विरोध भी एक बड़ी चुनौती थी। वर्ष 2020 में हुए मिनपा हमले के बाद क्षेत्र में कैंप स्थापना के लिए पुरज़ोर प्रयास किए गए, जिसके परिणामस्वरुप एक वर्ष बाद मार्च 2021 में गांव के समीप सफलतापूर्वक कैंप की स्थापना की गई। जिसके पश्चात् नक्सल गतिविधियों पर अंकुश लगा और क्षेत्र की तस्वीर बदलने लगी है। आज ग्रामीण बिना किसी भय के निवासरत हैं।
इस क्षेत्र में दुर्गम रास्तों में खम्बों और तारों के परिवहन के लिए वाहनों का आवागमन जहां बहुत ही मुश्किल कार्य था, वहीं नक्सली उत्पात भी चिंता का विषय थी। कैंप की मौजूदगी से सुरक्षाबलों द्वारा सतत् सुरक्षा सुनिश्चित हुई और विद्युतिकरण का कार्य द्रुत गति से पूर्ण हुआ। इसी का नतीजा है कि मिनपा गांव के गरीब परिवार के घर अब बिजली की रोशनी से जगमगा रहे हैं। अब यहां शेष मजराटोला में विद्युत विस्तार किया जा रहा है। इसके साथ ही सड़क का निर्माण भी किया जाएगा और आगामी दिवसों में आंगनबाड़ी, स्कूल, राशन दुकान इत्यादी सुविधाएं भी ग्रामीणों को उपलब्ध होगी। मिनपा के रेंगापारा में बिजली पहँचने से सभी ग्रामीण बहुत खुश हैं और इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उद्योग मंत्री कवासी लखमा के प्रयासों के लिए आभार व्यक्त कर रहे हैं वहीं कलेक्टर विनीत नन्दनवार के कुशल मार्गदर्शन में कार्य को तत्परतापूर्वक पूर्ण किये जाने पर भी ग्रामीणों ने खुशी जताई।