बाल विवाह की सूचना मिलते प्रशासन ने दी दबिश, शादी रोकी गई

छग

Update: 2024-04-25 10:01 GMT

बेमेतरा। प्रशासन ने बाल विवाह को रोकने में कामयाबी हासिल की। मामला कुसमी (बहेरा) का है। जहां एक 28 वर्षीय युवक की शादी विवाह की निर्धारित आयु पूर्ण नहीं कर पाई बालिका के साथ हो रही थी। चाइल्ड हेल्प लाइन और जिला बाल संरक्षण व महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने दोनों पक्षों को निर्धारित आयु पूर्ण होने पर ही विवाह करने की समझाइश दी।

चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग को आनंदगांव की एक बालिका का बाल विवाह की जानकारी प्राप्त हुई थी। जानकारी के आधार पर चन्द्रबेश सिंह सिसोदिया जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं सीपी शर्मा महिला एवं बाल विकास अधिकारी के निर्देशानुसार जिला बाल संरक्षण अधिकारी व्योम श्रीवास्तव एवं बेरला परियोजना अधिकारी विद्यानंद बोरकर के मार्गदर्शन में बाल विवाह के रोकथाम के लिए कार्रवाई की गयी।

उक्त ग्राम के पात्रे परिवार के एक बालिका का बाल विवाह होने जा रहा था। बाल विवाह की सूचना पर अधिकारियों ने शादी रूकवा दी। उक्त बालिका से कुसमी (बहेरा) निवासी एक 28 वर्षीय युवक से विवाह होने जा रहा था। सूचना के पश्चात टीम द्वारा बालिका एवं वर युवक के परिवार जनों के समक्ष कार्रवाई किया गया। बालिका एवं वर युवक के परिजनों द्वारा निर्धारित आयु पूर्ण होने के उपरांत ही विवाह किये जाने के लिए अपनी सहमति प्रदान की गई तथा विवाह स्थगित करने की बात कही गई।

टीम ने समझाइश दी कि निर्धारित आयु पूरी होने से पहले यदि शादी की गई तो कानून के मुताबिक बाल विवाह कराने वाले वर एवं वधु के माता-पिता, सगे-संबंधी, बाराती, विवाह कराने वाले पुरोहित, बैंड बाजा, हलवाई एवं टैट वालों पर भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। जो व्यक्ति ऐसा करता या कराता है या विवाह में सहयोग प्रदान करता है, तो उसे भी 2 वर्ष तक कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि 1 लाख रू. तक हो सकता है अथवा दोनो से दण्डित किया जा सकता है।


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