बीजापुर। जिले के धुर नक्सलगढ़ इलाके में देश कि आना बान शान कहे जाने वाला तिरंगा चार दशक बाद पहली बार बीजापुर जिले के उन बीहड़ इलाकों में लहराएगा। दर्जनभर कैंपों में गणतंत्र दिवस पर झंडा वंदन किया जाएगा। इन कैंपों के अंतर्गत करीब 40 गांव आते हैं, जहां पिछले चार दशक से कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं हुआ।
ज्ञात हो कि बीजापुर वह इलाका है जहां चार दशक से नक्सलवाद कि दसा झेल रहा अब धीरे-धीरे नक्सलियों के चंगुल से आजाद होने लगा है। लगातार पुलिस के द्वारा चलाए जा रहे बढे ऑपरेशन नें नक्सलवाद कि कमर तोड़ दी है। नक्सली अब बेक फुट में जा चुके है। आज देखेंगे तो बीजापुर के कुछ गांव बदलाव कि नई तस्वीरें सामने आने लगी है बिजली, पानी, सडक़ जैसे मुलभुत सुविधाएं ग्रामीणों तक पहुंचाई जा रही है। ऐसे कई इलाके है जहाँ कैम्प खुले है वहां उस गांव में पहली बार तिरंगा इस साल लहराएगा। नक्सलगढ़ में कई पुलिस कैम्प खुल गए है उन कैम्प कि बदौलत आज विकास अंतिम छोर को छू रहा है।
जिले के नक्सलगढ़ तर्रेम पामेड़ सडक 25 साल बाद नक्सली कब्जे से आजाद हुई है यह काम फोर्स कि बदौलत होता हुआ दिखाई पढ़ है। कोरागुट्टा में फोर्स का डेरा लगते ही 25 सालों से बंद पड़े बीजापुर से तर्रेम होकर पामेड़ जाने वाले रास्ते को फिर से बहाल करा दिया गया है। फिलहाल इस मार्ग पर सडक़ निर्माण का काम चल रहा है। इस मार्ग के खुल जाने से अब लोगों को पामेड़ पहुंचने के लिए तेलंगाना होकर जाने की बाध्यता खत्म हो जाएगी और सौ किलोमीटर का फासला भी बच जाएगा।