हाथियों का उत्पात, तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए नहीं जाने की समझाइश

Update: 2024-05-10 02:48 GMT

रायगढ़। वन परिक्षेत्र अधिकारी छाल के सूचनानुसार परिक्षेत्र सहायक बनहर अंर्तगत औरानारा परिसर मे 8 मई 2024 को प्रात: सुबरन राठिया वल्द बुधुराम राठिया उम्र 79 वर्ष साकिन मलमुड़ी के द्वारा तेन्दूपत्ता गड्डी बांधने हेतु बेल (रस्सी) लेने जंगल स्थानीय नाम मगरदरहा की ओर गया। शाम को घर नहीं आने पर परिवार के लोगों द्वारा खोजबीन किये जाने पर 9 मई 2024 को मगरदरहा स्थल पर मृत अवस्था में पाया गया। घटना की सूचना चन्द्र कुमार पिता अयोध्या पटेल साकिन भलमुड़ी के द्वारा फोन से सूचना वन विभाग को दी गयी।

सूचना प्राप्त होते ही उप वनमंडलाधिकारी धरमजयगढ़ एवं वन परिक्षेत्राधिकारी छाल अपने अधीनस्थ वन अमलों के साथ मौका स्थल पर पहुंचे और मौका जांच किया गया। मौका स्थल पर जंगली हाथी के पैरों निशान पाया गया, मौका साक्ष्य में जंगली हाथी द्वारा घटना होना पाया गया। शासन के नियमानुसार मृतक के उत्तराधिकारी पत्नि बुन्द्रोबाई राठिया साकिन भलमुड़ी को तत्कालिक सहायता 25 हजार रुपये प्रदान किया गया। घटना के पूर्व मुनादी के माध्यम से ग्राम भलमुड़ी में हाथी आने की पूर्व सूचना दी गई थी। प्रकरण में अग्रिम कार्यवाही नियमानुसार की जा रही है।

धरमजयगढ़ वनमंडल का छाल परिक्षेत्र हाथी प्रभावित क्षेत्र है, उक्त घटना क्षेत्रों में जंगली हाथी की विचरण की सूचना व्हाट्सअप तथा हाथी ट्रेकर दल के माध्यम से, मुनादी से गांव को वन कर्मचारियों द्वारा घटना के पूर्व सूचित किया गया था। घटना उपरांत जंगली हाथियों के विचरण की जानकारी आस-पास के ग्रामीणों एवं वन क्षेत्रों में मुनादी एवं प्रचार-प्रसार के माध्यम से कराई जा रही है, प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों तथा फड़मुशीयों के माध्यम से ग्रामीणों हाथी प्रभावित क्षेत्रों में तेन्दूपत्ता तोडऩे हेतु नहीं जाने की समझाईश एवं सूचना प्रतिदिन दिया जा रहा है तथा समूचे छाल क्षेत्र के वन अमले को हाई अलर्ट पर रहने हेतु निर्देशित किया गया है।

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