नवा जतन पाठ्यक्रम को स्कूल और फील्ड में लागू कर लक्ष्य प्राप्त करें - राजेश सिंह राणा

Update: 2021-12-05 15:51 GMT

रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव एवं संचालक राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) राजेश सिंह राणा ने उपचारात्मक शिक्षण हेतु नवा जतन कार्यक्रम अंतर्गत आयोजित 3 दिवसीय प्रशिक्षण के समापन समारोह अवसर पर प्रशिक्षार्थियों से कहा कि कोरोना काल में पूरे विश्व के बच्चे प्रभावित हुए ऐसे समय छत्तीसगढ़ द्वारा बच्चे जो कोरोनाकाल में कक्षा स्तर से पीछे रह गए है उन्हें अगली कक्षा के स्तर तक लाने का प्रयास किया जा रहा है। सेतु पाठ्यक्रम 1 के लागू होने के पूर्व जो बच्चे अपने ग्रेड से नीचे थे अब हमारा लक्ष्य है कि मार्च 2022 तक पीछे छूटे बच्चों को वर्तमान कक्षा के स्तर तक लाया जाए।

राणा ने कहा कि उपचारात्मक शिक्षण हेतु प्रायोजित कार्यक्रम नवा जतन को प्रत्येक बच्चे तक पहुंचाना बहुत आवश्यक है। इसे सेतु पाठ्यक्रम 2.0 के रूप में छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में लागू किया जाना है, क्योंकि वर्तमान समय में एससीईआरटी रायपुर के टेक्निकल टीम के साथ राज्य के समस्त बच्चों के बेसलाइन आकलन आधारित स्तर उपलब्ध है। इसमें हम देख पाते है कि जो बच्चे अपने कक्षा स्तर से नीचे हैं, नवा जतन कार्यक्रम ऐसे सभी बच्चे जिनका स्तर कक्षा स्तर से कम है, उन्हें कक्षा स्तर तक लाने का प्रमुख उपाय हो सकता है। सभी जिला के सीएससी इसे गंभीरता से लेगे इसका प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे और अपने संकुल में इसके इंप्लीमेंटेशन के लिए भरसक प्रयास करेंगे। आगामी मार्च तक इन सभी बच्चों को जिनका स्तर अपनी कक्षा स्तर से कम है उन्हें कक्षा स्तर तक लाने का लक्ष्य है। इसके लिए प्रत्येक 15 दिन में ऐसे बच्चों के स्तर परीक्षण और उनके स्तर में हो रही वृद्धि के विषय में जानकारी एकत्रित की जाए। इसकी मॉनिटरिंग स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक, संयुक्त संचालक, सहायक संचालक, जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी करेंगे। साथ ही ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम के द्वारा बच्चें को शिक्षक ने कितना सिखाया इसका भी परीक्षण किया जाएगा।

एससीईआरटी के संचालक ने सभी से शिक्षा के लिए अपने स्तर पर अतिरिक्त प्रयास करने की बात कही। उपस्थित समस्त मास्टर ट्रेनर्स के सुझाव और जिलों से आए प्रतिभागियों के स्थानीय प्रयासों के संबंध में चर्चा एवं शिक्षा में किस प्रकार से इस लक्ष्य को प्राप्त करना है उस संबंध में उनके विचार भी जाने।  राणा ने प्रशिक्षार्थियों से उनके अनुभव और सुझाव भी मांगे जिनमे शिक्षको की प्रतिभा को सामने लाने खेल, साहित्य, सांस्कृतिक प्रतियोगिता कराने Teacher As Leaderऔर शिक्षण के अलावा शिक्षक किस क्षेत्र में उत्कृष्ट है उसका सम्पूर्ण डेटाबेस बनाए जाने की बात कही। 

Tags:    

Similar News

-->