फर्जी डिग्री वाले 9 फार्मासिस्ट गिरफ्तार, 28 पर FIR दर्ज

Update: 2023-03-02 05:46 GMT

फार्मेसी काउंसिल की शिकायत पर तेलीबांधा पुलिस की बड़ी कार्रवाई

जनता से रिश्ता लगातार कोरोना काल से नकली दवाईयों के खिलाफ प्रमुखता से खबर प्रकाशित कर रहा है। फर्जी डिग्री और नकली दवाईयों को लेकर सबसे पहले खबर प्रकाशित कर मामला उजागर किया था। नकली डिग्री लेकर नकली दवा बेचने के अलावा ऐसे मेडिकल स्टोरों से क्या उम्मीद की जा सकती है। कोरोना काल से लगातार छग में पुलिस ने विभीन्न प्रकार के दवाइ और वेक्सीन पकड़ा।

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल में फर्जी डिग्री के आधार पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले 28 फार्मासिस्?टों के खिलाफ तेलीबांधा थाने में एफआइआर दर्ज की गई है। राजस्थान, बिहार, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों की फर्जी डिग्री के आधार पर छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करवाया गया था। रायपुर, सूरजपुर और दुर्ग से 10 से ज्यादा लोगों को हिरासत में भी ले लिया है।

उल्लेखनीय है कि तेलीबांधा थाने में छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार डा. श्रीकांत राजिमवाले ने प्रदेश भर के 62 लोगों की शिकयत की थी। शिकायत के अनुसार फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पंजीयन प्राप्त करने वाले फार्मासिस्ट और आवेदकों के दस्तावेज सत्यापन के बाद फर्जी पाए गए थे। अधिकांश दूसरे राज्य से डिग्री हासिल करने वाले हैं। फार्मेसी काउंसिल में पंजीयन के बाद मेडिकल स्टोर्स संचालित करने के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग से ड्रग लाइसेंस दिया जाता है। ऐसे ही लोग फार्मासिस्ट पंजीयन व ड्रग लाइसेंस प्राप्त कर ऐसे लोग नशीली दवाओं का विक्रय करते हैं।

इनके खिलाफ एफआइआर

रमाकांत निषाद, खकन कुमार विश्वास, शीतल कुमार, सोनी मिश्रा, पवन रूंचदानी, राजनांदगांव, श्वेता विश्वकर्मा, छुट्टन विश्वास, सूरज कुमार,, रूखसार खातून, तुला रात साहू, ममता अग्रवाल, रजनी यादव, चंद्रेश कुमार साहू, दामेश्वर कुमार साहू, बाजू राम ओयम, मनोज कुमार चक्रधारी, रोशन साहू, संजय कुशवाहा, अनुदिव्या टांडिया, रविंद्र कुमार साहू, राधिका साहू, खेम लाल धीवर, रमेश साहू, रविंद्र कुमार, फूलचंद, द्वारिका प्रसाद वर्मा, अनामिका गुप्ता सहित अन्य पर एफआइआर दर्ज की गई है।

जांच में मिली खामियां

सत्यापन के दौरान दस्तावेज गिरोह के माध्यम से फार्मेसी डिग्री-डिप्लोमा हासिल कर छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल में पंजीयन कराना। जाली, फर्जी व कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर संबंधित विश्वविद्यालय व छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के साथ धोखाधड़ी व गुमराह करने और छत्तीसगढ़ के छात्र-छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ किए जाने के प्रकरण के आधार पर एफआईआर दर्ज कराने पत्र लिखा गया। जिसके आधार पर एफआइआर दर्ज की गई।

इस तरह फर्जीवाड़ा

फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सन राइस यूनिवर्सटी, पीके यूनिवर्सिटी, जेएस यूनिवर्सिटी, स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी सागर, मोनाद यूनिवर्सिटी, वाईबीएन यूनिवर्सिटी रांची के सत्य साईं यूनिवर्सिटी सिहोर, ओपीजेएस यूनिवर्सिटी, श्रीधर यूनिवर्सिटी पिलानी सहित अन्य राज्यों के फार्मेसी काउंसिल में पंजीयन के बाद छत्तीसगढ़ में फर्जी तरीके से पंजीयन कराने वाले उत्तरप्रदेश फार्मेसी काउंसिल लखनऊ, राजस्थान फार्मेसी काउंसिल जयपुर के साथ पीपीजी कालेज आफ फार्मेसी के 28 डिप्लोमा फार्मेसी के छात्र शामिल हैं।

रायपुर के तेलबांधा थाना के टीआइ उमेंद्र टंडन ने कहा, फार्मेसी काउंसिल में फर्जी डिग्री के आधार पर रजिस्ट्रेशन कराने की शिकातय मिली थी। जिसके आधार पर जांच की गई। इसमें दस्तावेज फर्जी पाए जाने के बाद अपराध दर्ज किया गया गया है।

फर्जी डिग्री वाले बेच रहे नकली दवाई, चला रहे सिंडिकेट

छत्तीसगढ़ में फर्जी फार्मेसी डिग्री लेकर सैकड़ों की संख्या में मेडिकल स्टोर्स पान ठेले की तरह खुल गए है जिसके पीछे एक सिंडिकेट काम रहा है जो फर्जी डिग्री देकर नशीली दवाइयों का अवैध कारोबार को बेखौफ अंजाम दे रहे है। जिसका फायदा फर्जी फार्मेसी की जिडग्री लेने वाले उठा रहे और ओरिजनल डिग्री धारी मेडिकल स्टोर्स में सेल्समेन का काम कर रहे है या फिर अपनी फार्मेसी की डिग्री से फर्जी मेडिकल माफिया को किराए पर देकर हर माह निर्धारित रकम लेकर डिग्री का लाभ उठा रहे है। फार्मेसी काउंसिल में पंजीयन के बाद मेडिकल स्टोर्स संचालित करने के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग से ड्रग लाइसेंस दिया जाता है। ऐसे ही लोग फार्मासिस्ट पंजीयन व ड्रग लाइसेंस प्राप्त कर ऐसे लोग नशीली दवाओं का विक्रय करते हैं।

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