87 वर्षीय वृद्ध महिला को मिला एक नया जीवन, ब्रेस्ट कैंसर की हुई सफल सर्जरी

Update: 2022-11-23 11:47 GMT

रायपुर। भारत में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर अत्यधिक सामान्य कैंसर होता है। सभी आयु समूह की महिलाएं इससे प्रभावित हो सकती है यद्यपि ब्रेस्ट कैंसर 55-70 वर्षों के महिलाओं की के आयु समूह मे अत्यंत सामान्य है। ब्रेस्ट कैंसर के केसेस लगभग 70 वर्ष से अधिक की वृद्ध आयु समूह की 30% महिलाओं मे होते है। ब्रेस्ट कैंसर का अत्यन्त सामान्य लक्षण, दर्द रहित गठान के रूप मे ब्रेस्ट में पाया जाता है।

सुलभा घोडे, 87 वर्षीय वृद्ध महिला, जो रायपुर की निवासी है, रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल में, बहुत अधिक लूज मोशन की शिकायत के कारण भरती हुई। प्रारंभिक अवस्था में उनकी जाँच व इलाज डॉ. अब्बास नकवी, जो सीनियर फिजिशियन एवं इंटेंसिविस्ट द्वारा की गई। डाक्टर ने जाँच करने पर पाया कि, उनके ब्रेस्ट में गठान थी, दर्द रहित होने के कारण, उन्होने 3-4 माह तक मरीज ने उस पर ध्यान नही दिया। अल्ट्रा सोनोग्राफी तथा नीडल टेस्ट (एफ एन ए सी) के बाद डाक्टर ने ब्रेस्ट कैंसर की पुष्टि की।

इसके बाद उन्हे कैंसर सर्जन डॉ. सौरभ जैन के पास उनकी राय के लिये भेजा गया। डाक्टर सौरभ जैन ने, मरीज को, ब्रेस्ट की सर्जरी की जरूरत होने तथा बाये ब्रेस्ट को निकाल देने की सलाह दी। महिला मरीज, शुरू मे, सर्जरी की बात सुनकर थोड़ा भयभीत हो गई, क्याकि उनका पहले कोई आपरेशन नही हुआ था। इस संबंध मे, महिला तथा उसके परिवार को परामर्श करने के बाद, वह डा. सौरभ जैन के द्वारा सर्जरी (लेफ्ट मॉडिफाइड रेडीकल मास्केक्टॉमी) के लिये तैयार हो गई। वरिष्ठ एनीस्थेटिस्ट डॉ. सुधा त्रिवेदी व उनकी टीम ने इस बात का ध्यान रखा कि, सर्जरी के दौरान मरीज को किसी प्रकार का दर्द न हो। सर्जरी के बाद, आई सी यू के डॉ. विशाल कुमार व उनकी टीम ने, महिला मरीज के सभी जरूरी पैरामटिर्स को नियंत्रण में रखा। सर्जरी के एक दिन बाद उन्हे वार्ड में, भेज किया गया तथा सर्जरी के 5 वें दिन उन्हे हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई। अब उनके सभी टांके खोल दिये गयें है और वे बिना किसी कैंसर के भय के, खुशी भरी जिंदगी बिता रही हैं। घोडे, जैसी महिलाएं समाज के सामने इस बात का उदाहरण पेश करती हैं कि आयु सिर्फ एक संख्या होती है, और ब्रेस्ट कैंसर की सर्जरी किसी भी उम्र में पूरी तरह सुरक्षित होती है।

ब्रेस्ट कैंसर के फैलने से पहले व गठान से रक्तस्त्राव होने या अल्सरेशन के पहले ही सर्जरी करवा ली जानी चाहिये। घोडे जैसी महिला समाज काे यह संदेश देती है कि ब्रेस्ट कैंसर का इलाज पूरी तरह संभव है यदि उसकी जल्दी पहचान हो जाए एवं उसके बारे में कैंसर विशेषज्ञ से सही समय पर परामर्श लिया जाये।

Tags:    

Similar News

-->