जांजगीर-चांपा। 4 बहुओं ने मिलकर अपने ससुर का अंतिम संस्कार किया। जहां पांचों बेटे आपस में लड़ते रहे, वहां बहुओं ने ससुर के क्रियाकर्म का फैसला किया। अर्थी उठाने से लेकर मुखाग्नि देने का काम बहुओं ने ही मिलकर किया।
पामगढ़ ब्लॉक के ग्राम पंचायत तनौद में रहने वाले बिहारी लाल साहू का 90 साल की आयु में बुधवार को निधन हो गया। इधर अंतिम संस्कार को लेकर पांचों बेटों के बीच विवाद हो गया। मौके पर पुलिस और तहसीलदार पहुंचे, फिर भी भाईयों के बीच सहमति नहीं बन सकी। तब जाकर चारों बहुओं ने ससुर का अंतिम संस्कार किया।
बिहारी लाल साहू के 5 बेटे हैं, जिनके नाम ओंकार साहू, बेदराम साहू, बुधराम साहू, लच्छी प्रसाद साहू और लहुरमन साहू हैं। इनमें से उसके दूसरे नंबर के बेटे बेदराम साहू ने ईसाई धर्म अपना लिया है। वो खुद को साहू समाज से अलग रखता है। पिता के निधन के बाद उसने अंतिम संस्कार ईसाई धर्म के अनुसार करने को लेकर विवाद शुरू कर दिया। सभी ने उसे समझाया, लेकिन वो अपनी बात पर अड़ा रहा। जबकि बिहारी लाल की अंतिम इच्छा थी कि उसका अंतिम संस्कार उसके चारों बेटे जिनके साथ वह रहता था, वे हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार ही करें। बुधवार को बुजुर्ग की मौत के बाद भी उस दिन उनका अंतिम संस्कार नहीं हो सका। इसके बाद गुरुवार सुबह से ही फिर विवाद शुरू हो गया। घर पर शिवरीनारायण थाना प्रभारी रविन्द्र अनन्त भी अपनी टीम के साथ पहुंचे, पामगढ़ तहसीलदार अश्विनी कुमार चन्द्रा भी आए, लेकिन बेटे किसी के समझाने पर नहीं माने।