जंगली भालू ने वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में गश्ती दल पर किया हमला, टाइगर ट्रैकर का सिर चबा गया जानवर

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगलों में अक्सर हिंसक जंगली जानवरों के हमले की घटनाएं होती रहती हैं।

Update: 2022-08-21 02:17 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगलों में अक्सर हिंसक जंगली जानवरों के हमले की घटनाएं होती रहती हैं। वन प्रमंडल दो के गनौली वनक्षेत्र मे शनिवार को जंगल में निकले गश्ती पर भालू ने हमला कर दिया। भालू के हमले में टाइगर टेकर मोहन कुशवाहा (27) बुरी तरह घायल हो गये। शोर मचाने पर टीम के साथ गए अन्य कर्मियों ने उन्हें भालू से बचाया। भालू ने मोहन के सर और चेहरे का एक हिस्सा चबा डाला। आनन फानन में उन्हें अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया। टाइगर टेकर वाल्मीकिनगर थाने के शिवनाहा के रहने वाले हैं। गनौली वनक्षेत्र अधिकरी रोबिन आनंद ने बताया कि टाइगर ट्रैकर पर भालू के हमले की सूचना मिली है। वनकर्मियों की टीम को उनका इलाज कराने का निर्देश दिया गया है।

बताया जा रहा है कि वीटीआर के वनकर्मियों का दल जंगल में गश्ती पर था। टीम के सदस्य सुदूर इलाके में गश्ती पर चले गए। इसी दौरान एक भालू के बच्चे ने वनकर्मी पर मोहन पर हमला कर दिया। हमले से बचने के लिएभालू के बच्चे से बचने के लिए वनकर्मी मोहन शोर मचाते हुए उसे धक्का देने लगे। इसी दौरान झाड़ी में छिपी बैठी भालू की मां ने भी मोहन पर हमला बोल दिया।
डॉ. विजय कुमार के नेतृत्व में डाक्टरों की टीम ने मोहन का का इलाज शुरू किया। डॉ. विजय ने बताया कि घायल कर्मी को भालू ने बुरी तरह नोच लिया है। इससे उनका चेहरा और सिर बुरी तरह जख्मी है। इस कारण शरीर से अधिक खून निकल गया है। डॉक्टर ने कहा कि चिंता की बात नहीं हैं। गनौली के प्रभारी वनक्षेत्र अधिकारी रोबिन आनंद ने बताया कि सूचना मिली कि टाइगर टेकर को भालू ने बुरी तरह से घायल कर दिया। वनपाल ब्रजेश पासवान, वनरक्षी पुष्प रंजन कुमार, गौरीशंकर दुबे के नेतृत्व में मोहन कुशवाहा को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
वनकर्मी मोहन को हरनाटांड़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से अनुमंडल अस्पताल लाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें जीएमसीएच बेतिया रेफर किया गया है। कैटल गार्ड के सिर पर भालू ने अपने नुकीले दांत गड़ा दिए हैं। भालू ने मोहन के हाथ का मांस भी में नोंच लिया है। जख्म से लगातार खून का रिसाव हो रहा है। इलाज के बाद वनकर्मी मोहन फिलहाल खतरे से बाहर हैं लेकिन, उनकी चोट काफी गहरी है। वन संरक्षक डॉ नेशमणि ने कहा है कि घायल मोहन के इलाज का का पूरा ध्यान रखा जाएगा
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