आईपीएस आदित्य के खिलाफ फर्जी कॉल करने के मामले में वारंट हुआ जारी

Update: 2022-11-05 12:04 GMT

क्राइम न्यूज़: बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को पटना उच्च के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर फर्जी कॉल कर पैरवी करने के मामले में पटना व्यवहार न्यायालय की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को मामले के अभियुक्त गया के तत्कालीन वरीय पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आदित्य कुमार के खिलाफ गिरफ्तारी का गैर जमानती वारंट जारी किया। आर्थिक अपराध की विशेष अदालत के न्यायाधीश आदि देव की अदालत के समक्ष एक आवेदन दाखिल कर पुलिस ने मामले में फरार चल रहे अभियुक्त आदित्य कुमार के खिलाफ गिरफ्तारी का गैर जमानतीय वारंट जारी किए जाने का अनुरोध किया था। आवेदन पर सुनवाई के बाद अदालत ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी आदित्य के खिलाफ गिरफ्तारी का गैर जमानतीय वारंट जारी करने का आदेश दिया।

गौरतलब है कि गया जिले के फतेहपुर थाना क्षेत्र में शराब की एक बड़ी खेप पकड़ी गई थी, जिसे थानेदार ने छोड़ दिया था। मामला उजागर होने के बाद थानेदार के खिलाफ कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया था लेकिन थानेदार को एसएसपी ने मात्र चेतावनी देकर छोड़ दिया था। इसको लेकर फतेहपुर थाने में तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार समेत अन्य लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया और विभागीय कार्रवाई भी शुरू की गई थी। आरोप के अनुसार, आईपीएस आदित्य के साथ मिलकर मामले के एक अन्य अभियुक्त अभिषेक ने पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बनकर डीजीपी बिहार को फर्जी कॉल कर आदित्य कुमार के खिलाफ दर्ज मामले को रफा-दफा करने और विभागीय कार्यवाही को समाप्त करने का दबाव बनाता था। संदेह होने पर डीजीपी ने मामले की जांच कराई। इसके बाद अभिषेक समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। इस पूरे मामले को लेकर आर्थिक अपराध इकाई ने मुकदमा संख्या 33 /2022 दर्ज किया। मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही आदित्य कुमार फरार है।

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