बिहार के आरा से चुनाव लडेंगे केंद्रीय मंत्री आर.के. सिंह

जानिए कैसे हैं समीकरण

Update: 2023-09-25 06:34 GMT

बिहार: केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने दावा किया है कि वह 2024 का लोकसभा चुनाव बिहार के आरा विधानसभा क्षेत्र से लड़ेंगे। पूर्व आईएएस अधिकारी सिंह ने 2014 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री बने। इससे पहले वह केंद्रीय गृह सचिव थे। उन्होंने 2019 में फिर से उसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री बने रहे, लेकिन इस बार 2024 में चर्चा है कि भोजपुरी अभिनेता और गायक पवन सिंह भाजपा के टिकट पर आरा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।

सिंह ने कहा, "कोई और मेरे लिए निर्णय कैसे ले सकता है? मैं अपने लिए खुद निर्णय लूंगा। यदि कोई मेरे बारे में किसी राज्य का राज्यपाल बनने की अफवाह फैलाता है, तो मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मुझे राज्यपाल का पद नहीं मिलने वाला है। 'मैं यहां हूं और आरा निर्वाचन क्षेत्र से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ूंगा।''

आरा सीट से बीजेपी के आरके सिंह ने पहली बार 2014 में कमल खिलाया था. धमाकेदार जीत के स्वरूप उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में भी जगह मिली. 2019 में भी आरके सिंह ही विजयी हुए थे, उन्होंने सीपीआइ माले के राजू यादव को शिकस्त दी थी. इसी के साथ आरा सीट से तकरीबन 35 साल बाद कोई प्रत्याशी लगातार दूसरी बार लोकसभा पहुंचा था. इससे पहले 1984 के बाद से यहां की जनता हर पांच साल बाद अपना प्रतिनिधि बदल देती थी.

आरा लोकसभा सीट का इतिहास

आरा का संबंध महाभारत काल से है. कहा जाता है कि पांडवों ने भी अपना गुप्तवास काल यहां पर बिताया था. इसके अलावा यह भूमि 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता सेनानी बाबू कुंवर सिंह की कार्यस्थली भी है. शुरू में इस सीट पहचान शाहाबाद लोकसभा क्षेत्र के नाम से थी. 1991 से पहले आरा में बक्सर और आरा संसदीय क्षेत्र आते थे. नए परिसीमन में मनेर विधानसभा को आरा से अलग कर पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र में जोड़ दिया गया. आरा का वर्तमान चुनावी क्षेत्र भोजपुर जिले की परिधि में सिमट गया है.

आरा सीट का राजनीतिक इतिहास

1952 से 2019 तक आरा सीट पर 17 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. इस सीट पर राजनीतिक दलों की पहली पसंद बाहरी प्रत्याशी रहे हैं. यही वजह है कि 15 बार यहां की जनता ने बाहरी प्रत्याशियों को जीताकर दिल्ली भेजा है. इस सीट के वर्तमान सांसद केंद्रीय मंत्री आरके सिंह भी सुपौल से हैं. 1952 से 1971 तक कांग्रेस के दिग्गज नेता बलिराम भगत यहां से चुने जाते रहे. वह भी पटना के रहने वा

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