मुजफ्फरपुर में 15 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए खोलें जाएंगे दो स्क्रैपिंग सेंटर
केंद्र की नई स्क्रैपिंग नीति पर बिहार की नीतीश कुमार सरकार भी अमल कर रही है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केंद्र की नई स्क्रैपिंग नीति पर बिहार की नीतीश कुमार सरकार भी अमल कर रही है। 15 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए मुजफ्फरपुर में दो स्क्रैपिंग सेंटर खोलने का लाइसेंस जारी हुआ है। वर्षों पुराने प्रचलन से बाहर हो चुके वाहनों को स्क्रैप करने में इससे मदद मिलेगी। लंबे अरसे से पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग के लिए मांग की जा रही थी। इससे 15 साल पुराने वाहनों को वाजिब कीमत पर कबाड़ में बेचा जा सकेगा और उसका निबंधन विधिवत रद्द किया जा सकेगा।
जिला परिवहन अधिकारी सुशील कुमार ने बताया कि इससे वाहन मालिक व विभाग दोनों को राहत मिलेगी। वाहन मालिकों को अपने पुराने वाहनों की सही कीमत मिल जाएगी और उसका निबंधन रद्द कराने की प्रक्रिया भी स्क्रैपिंग सेंटर पर ही पूरी हो जाएगी। इसके लिए उन्होंने कार्यालय की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। पुराने वाहनों की कीमत का निर्धारण बजाप्ता एमवीआई करेंगे जिस कारण इसमें गड़बड़ी की संभावना बिल्कुल नहीं रहेगी।
कंपनियां कर रहीं जगह का चयन
एक स्क्रैपिंग सेंटर की स्थापना के बाद सीधे-सीधे दो सौ लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। इसके अलावा कई लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त हो सकेगा। स्क्रैपिंग सेंटर की स्थापना के लिए पटना में लाइसेंस प्राप्त कंपनियां सेंटर स्थापित करने के लिए जगह का चयन करने में लगी हैं।
स्क्रैप सेंटर स्थापना के लिए लगभग दो से तीन करोड़ रुपये की पूंजी लगानी होगी। उद्यमियों के अनुसार, अबतक स्क्रैपिंग सेंटर को उद्योग का दर्जा प्राप्त नहीं हो सका है। इस कारण स्क्रैपिंग सेंटर स्थापित करने में बैंकों से सब्सिडी और इंटरेस्ट फ्री कर्ज मिलने में परेशानी होगी। विभाग अनुसार, 15 साल पुराने वाहनों की कीमत तय की जाएगी जो स्क्रैप सेंटर वाहन मालिक को देंगे। इसके अलावा वाहन मालिक को एक स्क्रैप स्लिप भी दी जाएगी जिसे परिवहन विभाग में देने के बाद स्क्रैप किए गए वाहनों का नंबर परिवहन डाटा से हटाया जा सकेगा।