सदर अस्पताल परिसर में एक वाटर प्यूरीफायर पर हजार लोग निर्भर

Update: 2023-03-22 07:47 GMT

मधुबनी न्यूज़: सदर अस्पताल परिसर में एक वाटर प्यूरीफायर पर एक हजार से अधिक लोग पेयजल के लिए निर्भर हैं. गर्मी शुरू हो चुकी है. अस्पताल पहुंचने वाले मरीज, परिजन व अस्पताल कर्मी को पेयजल की समस्याएं से जूझना पड़ रहा है. डॉक्टर व अस्पताल के स्टॉफ तो अपने लिए बाहर से भी बोतल मंगाकर अपनी हलक तर कर ले रहे हैं. पर प्रतिदिन अस्पताल पहुंचने वाले 700 से 800 मरीजों को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ता है. कई बार मरीजों को बाहर से बोतल बंद पानी मंगाकर पीना पड़ रहा है. इतने बड़े जिला अस्पताल में एक भी चापाकल सही अवस्था में नहीं हैं. इस वजह से अस्पताल आने वाले मरीज व परिजनों को और परेशानी झेलनी पड़ रही है. ने अस्पताल का जायजा लिया. इसमें सिर्फ इमरजेंसी के सामने एक वाटर प्यूरीफायर इस्टॉल मिला. हालांकि इससे भी बूंद-बूंद ही पानी निकल पा रहा था, वहां मौजूद लोगों ने बताया कि इसका फिल्टर जाम है, इस वजह से पानी निकलने में परेशानी हो रही है. उसके बगल में दीवार पर लगे नल नल का पानी पीने योग्य नहीं है. अस्पताल में टंकी की पाइपलाइन जगह-जगह टूटे रहने की वजह से शुद्ध पानी नहीं निकल पा रहा है. अस्पताल में पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. पूर्व में लगे वाटर प्यूरीफायर काम नहीं कर रहा है तो उसे शीघ्र दुरुस्त कराया जाएगा. मरीजों व उनके परिजन को पेयजल की समस्या इस गर्मी में नहीं होगी. -डॉ. राजीव रंजन, प्रभारी अधीक्षक, सदर अस्पताल.

ओपीडी के मरीजों को पेयजल का संकट: सदर अस्पताल के ओपीडी में प्रतिदिन करीब 500 से 600 मरीज पहुंचते हैं. पर वहां पर भी पेयजल संकट है. गर्भवती माताओं को अल्ट्रासाउंड से पूर्व पानी पीने के लिए कहा जाता है,मगर पेयजल उपलब्ध नहीं होने की वजह से दिक्कत उठानी पड़ती है. बाहर से पानी खरीदकर मंगाने की मजबूरी बन जाती है. इसके अलावा ऑर्थो वार्ड व मेडिसीन वार्ड में आए मरीजों को भी पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता है.

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