Patna: डीआईआई ने 1,600 किग्रा मानव बाल के साथ 3 तस्कर को दबोचा

"चीन भेजने की थी तैयारी"

Update: 2025-01-08 09:05 GMT

पटना: डायरेक्टरेट ऑफ रेवन्यू इंटेलिजेंस (डीआईआई) ने बिहार के मधुबनी में पश्चिम बंगाल के दो तस्करों के साथ बिहार के एक आरोपित को तिरुपति बालाजी समेत दक्षिण भारत के कई मंदिरों से चोरी कर बिहार के रास्ते नेपाल ले जाए जा रहे मानव-बाल की 1,600 किलोग्राम एक बड़ी खेप पकड़ी है। यह बाल नेपाल के रास्ते चीन तक पहुंचाए जाने थे। डीआरआई की टीम इससे पूछताछ कर रही है। डीआरआई की यह कार्रवाई बिहार-नेपाल सीमा के मधुबनी में सामने आयी है। पकड़े गए तस्करों में दो पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के रहने वाले हैं, जबकि एक बिहार के मधुबनी जिले के रहने वाला है। डीआरआई की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की है। पश्चिम बंगाल नंबर का एक ट्रक मधुबनी से गुजर रहा था, जहां बालों की खेप ले जाए जाने की सूचना थी।

डीआरआई की मुजफ्फरपुर शाखा में पूछताछ में तस्करों ने बताया कि बरामद किया गया बाल दक्षिण भारत के कई तीर्थ स्थलों से चुराकर जुटाया गया था। तिरुपति बालाजी मंदिर में होने वाले मुंडन से सबसे ज्यादा बाल जुटाए गए थे। बाल की कीमत करीब 80 लाख रुपये आंकी गई है। चूंकि बाल नेपाल के रास्ते चीन जाने वाला था, इसलिए संलिप्त गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचने के लिए जानकारी जुटाई जा रही है।

डायरेक्टरेट ऑफ रेवन्यू इंटेलिजेंस के अधिकारी ने बताया कि भारत में बाल की सप्लाई प्रतिबंधित है। कुछ गिरोह तस्करी करते हुए इसे नेपाल के रास्ते चीन पहुंचाते हैं। इससे विग और अन्य सामग्री का निर्माण कराया जाता है। चीन में इन चीजों की बहुत ज्यादा मांग है और दुनियाभर के देशों में इसकी सप्लाई की जाती है। पूर्व में इस मामले में ईडी की कार्रवाई और बॉर्डर सील होने के कारण गिरोह के लोग पश्चिम बंगाल की जगह बिहार के रास्ते का उपयोग करने लगे हैं।

उल्लेखनीय है कि भारत के बालों का निर्यात 6,000-8,000 करोड़ रुपये का है, जिसमें चीन का हिस्सा कुल निर्यात का 80 प्रतिशत है। उद्योग का अनुमान है कि हर साल भारत से चीन में लगभग 9,000 करोड़ रुपये के कच्चे मानव बालों की तस्करी की जाती है। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में घरों और मंदिरों से बाल एकत्र किए जाते हैं। बालों का उपयोग विग, नकली दाढ़ी, भौंहें और एक्सटेंशन बनाने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग बेकिंग उद्योग के लिए प्रोटीन निकालने के लिए भी किया जाता है।

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