इस बार भी नीतीश कैबिनेट में महागठबंधन-1 के 9 मंत्रियों को मिली जगह, 10 फीसदी बढ़ी आरजेडी की हिस्सेदारी

नीतीश कुमार की नई कैबिनेट में 9 मंत्री ऐसे हैं जो महागठबंधन की पहली सरकार में भी मिनिस्टर बने थे।

Update: 2022-08-17 01:55 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नीतीश कुमार की नई कैबिनेट में 9 मंत्री ऐसे हैं जो महागठबंधन की पहली सरकार में भी मिनिस्टर बने थे। बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में भारी जीत के बाद बनी महागठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा 28 मंत्री थे। 20 नवम्बर 2015 को इस मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने शपथ ली थी। तेजस्वी यादव समेत इस मंत्रिमंडल के 9 सदस्य ऐसे हैं जिन्होंने मंगलवार को महागठबंधन-2 की सरकार में भी मंत्री पद की शपथ ली है।

तेजस्वी के पास दोनों सरकारों में उप मुख्यमंत्री का महत्वपूर्ण जिम्मा रहा। इनके अलावा आरजेडी के तेज प्रताप यादव, आलोक कुमार मेहता, चन्द्रशेखर और अनीता देवी के पास नीतीश सरकार में पहले भी काम करने का अनुभव है। हालांकि चारों को पिछली बार से अलग विभागों की जिम्मेदारी मिली है।
जेडीयू की ओर से 2015 के मंत्रिपरिषद में शामिल तीन नेता इस बार भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में काम करेंगे। बिजेंद्र प्रसाद यादव, श्रवण कुमार और मदन सहनी तब भी मंत्री थे और अब भी हैं। अशोक चौधरी भी दोनों मंत्रिमंडल का हिस्सा हैं, हालांकि 2015 में वे नीतीश सरकार में बतौर कांग्रेस प्रतिनिधि शामिल थे। तब वे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी थे। उन्हें उस सरकार में शिक्षा और आईटी मंत्री का पद मिला था। अब वे जेडीयू में आ गए हैं और नीतीश कैबिनेट में शामिल हैं।
पिछली सरकार में कांग्रेस के 4 मंत्री, RJD-JDU थे बराबरी पर
2015 की महागठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को छोड़कर 28 मंत्री थे। उस चुनाव में राजद 80, जदयू 71 और कांग्रेस 27 सीट जीतकर आई थी। मंत्रिपरिषद में कांग्रेस को चार पद मिले थे। अशोक चौधरी, डॉ. मदन मोहन झा, अवधेश कुमार सिंह और अब्दुल जलील मस्तान ने मंत्री पद संभाला था। हालांकि सीट ज्यादा होने के बावजूद आरजेडी और जेडीयू के बराबर 12-12 मंत्री बने थे।
आरजेडी की कैबिनेट में हिस्सेदारी 10 फीसदी बढ़ी
इस बार आरजेडी को मंत्रिपरिषद में फायदा हुआ है। नीतीश कैबिनेट में पार्टी की हिस्सेदारी 10 फीसदी बढ़ी है। पिछली महागठबंधन सरकार में आरजेडी के 12 मंत्री थे और हिस्सेदारी 41.37 फीसदी थी। वहीं, मौजूदा सरकार में इसके 17 सदस्य हैं और हिस्सेदारी 51.5 फीसदी यानी आधे से ज्यादा है। वहीं, जेडीयू में मुख्यमंत्री समेत 44.82 फीसदी सदस्य 2015 में मंत्रिपरिषद में थे। अब यह हिस्सा 36.36 फीसदी हो गया है। 2015 में कांग्रेस की हिस्सदारी 13.79 फीसदी थी और अभी 6.06 फीसदी है। हालांकि नए मंत्रिमंडल में हम और निर्दलीय को भी जगह मिली है जबकि 2015 में केवल तीन दलों की ही सरकार थी।
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