बिहार में पीने और बेचने वालों के लिए होंगे अलग-अलग कोर्ट, सरकार कर रही शराबबंदी कानून में संशोधन की तैयारी
बिहार के शराबबंदी कानून में संशोधन की तैयारियों के तहत शराब पीने और शराब बेचने वालों के लिए अलग-अलग कोर्ट होंगे।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार के शराबबंदी कानून में संशोधन की तैयारियों के तहत शराब पीने और शराब बेचने वालों के लिए अलग-अलग कोर्ट होंगे। पीने से संबंधित मामलों की सुनवाई कार्यपालक दंडाधिकारी कर सकते हैं। उत्पाद आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों से मद्य निषेध कानून में संशोधन की तैयारी चल रही है। इसका मकसद न्यायालय पर दबाव कम करना है। साथ ही शराब के मामले में ट्रायल जल्द पूरा कर दोषियों को सजा दिलाना है।
पटना, बक्सर, नालंदा के विशेष लोक अभियोजक हटेंगे
उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने पटना के विशेष लोक अभियोजक सैयद जफर हैदर, बक्सर के विशेष लोक अभियोजक और अनेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव के शराबबंदी से संबंधित मामलों में लापरवाही के कारण उत्पाद विभाग से हटाने की अनुंशसा की है। वहीं नालंदा के विशेष लोक अभियोजक राजेंद्र दास को भी तीन साल के लिए हटाने की अनुशंसा की गई है। अपर मुख्य सचिव ने समीक्षा के क्रम में पाया गया कि राजेंद्र दास दिसंबर में काम संभालने के बाद अभी तक एक दिन भी कार्य पर नहीं आए हैं।
जहरीली शराब और अपराध के खिलाफ जाप का धरना
जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव के नेतृत्व में पार्टी ने जहरीली शराब, हत्या, दुष्कर्म और व्यवसायियों की सुरक्षा को लेकर सोमवार को गर्दनीबाग में धरना दिया गया। धरना में बड़ी संख्या में जाप के कार्यकर्ता उपस्थित थे।
इस दौरान पप्पू यादव ने कहा कि सूबे में जहरीली शराब से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है। इतनी संख्या में मौत के बावजूद कार्रवाई के नाम पर सरकार द्वारा खानापूर्ति की जाती है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सभी पक्षों के सांसद, विधायक, जिला परिषद अध्यक्ष, मुखिया और सरपंच की भी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। आरोप लगाया कि राज्य में विधि-व्यवस्था चौपट हो गई है। व्यापारी से लेकर आम लोग डरे हुए हैं। धरना के बाद पप्पू यादव बाकरगंज भी पहुंचे और व्यापारियों से मुलाकात की। वहीं जाप के प्रदेश अध्यक्ष राघवेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि पार्टी द्वारा इन मुद्दों पर राज्य के सभी जिलों में धरना दिया गया। लोगों की सुरक्षा को लेकर हमारा आंदोलन आगे भी जारी रहेगा।