बिहार की 35 हजार किमी सड़कों का होगा सुरक्षा ऑडिट, नीतीश सरकार ने इस वजह से लिया फैसला

सड़क दुर्घटना कम करने के लिए सड़कों का सुरक्षा ऑडिट होगा। इस वर्ष राज्य की लगभग 35 हजार किलोमीटर सड़कों का सुरक्षा ऑडिट किया जाएगा।

Update: 2022-01-21 06:15 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सड़क दुर्घटना कम करने के लिए सड़कों का सुरक्षा ऑडिट होगा। इस वर्ष राज्य की लगभग 35 हजार किलोमीटर सड़कों का सुरक्षा ऑडिट किया जाएगा। ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर सड़कों में आवश्यक सुधार किए जाएंगे ताकि सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सके। ऑडिट का काम एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण), पथ निर्माण विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग की ओर से किया जाएगा।

एनएचएआई के अधीन 2649 किलोमीटर सड़कों का ऑडिट किया जाना है। एनएचएआई ने अब तक 1248 किलोमीटर ऑडिट का काम पूरा कर लिया है। इस साल 1360 किलोमीटर नेशनल हाईवे का ऑडिट किया जाना है। एनएचएआई को इस बाबत बिहार सरकार ने आवश्यक निर्देश दिया है ताकि तय समय में रोड सेफ्टी ऑडिट का काम पूरा हो जाए। पथ निर्माण विभाग के अधीन 21 हजार 774 किलोमीटर सड़कों का ऑडिट कराया जाएगा।
विभाग के अधीन 2826 किमी एनएच का ऑडिट होना है। इसमें से 905 किलोमीटर का ऑडिट हो चुका है। स्टेट हाईवे में 3713 किलोमीटर का ऑडिट किया जाना है। इसमें से 1624 किलोमीटर का ऑडिट हो चुका है। जबकि वृहद मध्यम सड़कों (एमडीआर) में 15 हजार 195 किलोमीटर का ऑडिट किया जाना है। इसमें से अब तक 336 किलोमीटर का ऑडिट कर लिया गया है।
विभाग के अधीन कुल 21 हजार 774 किलोमीटर सड़कों में से 2865 किलोमीटर ऑडिट का काम पूरा कर लिया गया है। बाकी 18 हजार 868 सड़कों का ऑडिट होना बाकी है। वहीं ग्रामीण कार्य विभाग के अधीन 25 हजार किलोमीटर सड़कों का ऑडिट किया जाना है। ग्रामीण सड़कों में पांच किलोमीटर से अधिक लंबी होने पर ही उसका ऑडिट किया जा रहा है। अब तक 8500 किलोमीटर ऑडिट का काम पूरा कर लिया गया है। बाकी 16 हजार किलोमीटर से अधिक का ऑडिट होना बाकी है।
ऑडिट क्यों
सड़क दुर्घटना के लिहाज से राज्य की सड़कों का आकलन किया जा रहा है। सेफ्टी ऑडिट में यह देखा जाएगा कि कौन सी सड़क दुर्घटना के लिहाज से अधिक खतरनाक है। रिपोर्ट के आधार पर सड़क दुर्घटना रोकने को आवश्यक कार्रवाई होगी। इसके तहत सड़कों के संरचना में सुधार, संकेतक, स्ट्रीट लाइट आदि काम किए जाएंगे ताकि जान-माल का नुकसान कम हो सके।
एनएच पर होती हैं अधिक मौत
राज्य में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक मौतें नेशनल हाईवे पर हो रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार राज्य में होने वाली कुल मौतों में 59 फीसदी एनएच पर हो रही है। 21 फीसदी मौत स्टेट हाईवे तो 30 फीसदी मौत एमडीआर व ग्रामीण सड़कों पर हो रही हैं।
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