नहरों में पानी नहीं, अधिकतर नलकूप भी बंद

Update: 2023-06-15 10:27 GMT

मोतिहारी न्यूज़: जिले में सरकारी नलकूप बंद रहने से सिंचाई व्यवस्था चरमरा गयी है. नहरों में पानी नहीं हैं और अधिकांश सरकारी नलकूप बंद पड़े हैं. जिससे किसान धान बीज से बिचड़ा तैयार करने से लेकर अन्य सिंचाई कार्य निजी नलकूप के भरोसे कर रहे हैं. जिससे किसानों के जेब पर अधिक बोझ पड़ रहा है.

ऐसे में खरीफ सीजन में सिंचाई व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है. यह हाल है लघु सिंचाई प्रमंडल मोतिहारी के तहत जिले में संचालित नलकूपों का. लघु सिंचाई प्रमंडल के तहत जिले में कुल 645 सरकारी नलकूप संचालित थे. इसमें सिंचाई नहीं होने से 33 सरकारी नलकूप स्थायी रूप से बंद कर दिये गये हैं. जो शेष 612 सरकारी नलकूप बचे हैं,इसमें 285 चालू व इससे अधिक 327 नलकूप विभिन्न कारणों से बंद पड़े हैं. इससे सिचांई व्यवस्था का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. जबकि सरकारी नलकूपों की मरम्मत से लेकर इसके संचालन का जिम्मा सरकार के द्वारा संबधित पंचायत के मुखियों को दिया गया है. इसके तहत 139 नलकूपों को चालू कराने लिए मुखियों को राशि हस्तगत करा दी गयी है. 152 बंद पड़े नलकूपों को चालू कराने के लिए विभाग से 2.94 करोड़ रुपये की मांग की गयी है. इस बाबत कार्यपालक अभियंता ई मिथिलेश कुमार ने बताया कि बंद पड़े139 नलकूपों को चालू कराने के लिए मुखियों को राशि हस्तगत करा दी गयी है.

18 साल बाद भी राजकीय नलकूप से नहीं टपका पानी: केसरिया अंचल के मनोहर छपरा वार्ड 01 में पिछले 18 सालों से बन कर तैयार लघु सिंचाई विभाग का नलकूप आज तक चालू नहीं हो सका. विभाग की लापरवाही का जीता जागता यह उदाहरण है कि पांच लाख की लागत से बना नलकूप आज तक चालू नहीं हो सका. जिससे किसानों को खेतों में सिंचाई के बड़ी परेशानी झेलनी पड़ती है. किसानों को निजी पंपसेट से महंगे में सिंचाई करानी पड़ रही है. बिजधरी पूर्वी सुंदरापुर पंचायत के पूर्व समिति सदस्य भूपेंद्र सिंह ने बताया कि वर्ष 2004 में पांच लाख की लागत से यह नलकूप बना. आज तक इसे विभाग द्वारा चालू नहीं किया गया.

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