बजट में प्रावधान ही नहीं, कहां से देंगे 4 लाख नौकरी

Update: 2023-03-06 13:30 GMT

पटना न्यूज़: विधानसभा में बजट पर विमर्श के दौरान सत्ता पक्ष के साथ विपक्षी सदस्यों की खूब तकरार हुई. खासकर भाजपा और कांग्रेस-वामदल के विधायकों में कई अवसरों पर जमकर तू-तू-मैं-मैं हुई.

चर्चा के क्रम में सत्ता पक्ष के सदस्यों द्वारा बार-बार टोके जाने से विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा नाराज हो गए. उसके बाद भाजपा सदस्य उग्र हो गए और उनकी वामदलों व कांग्रेस विधायकों के साथ नोक-झोंक हुई. कांग्रेस के शकील अहमद, राजेश राम, माले के सुदामा प्रसाद तो उधर विपक्ष की ओर से भाजपा के संजय सरावगी, हरिभूषण ठाकुर बचौल, संजय सिंह बार-बार उग्र हो रहे थे. हालांकि विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के समझाने के बाद वे शांत हुए. इसके पहले श्री सिन्हा ने बजट पर सरकार को घेरा. कहा कि इसमें भविष्य की कोई दृष्टि नहीं है. इसमें आंकड़ों की बाजीगरी की गयी है. रोजगार की घोषणा तो की गयी है लेकिन उसके लिए धन का कोई प्रावधान नहीं किया गया है.

4 लाख नौकरी कहां से देंगे? यह केवल युवाओं और बेरोजगारों की आंखों में धूल झोंकने जैसा है. बिहार की अर्थव्यवस्था तीन गुनी हुई है, लेकिन यह कैसे संभव हो सका है, इसे भी बताया जाना चाहिए. राज्य के अपने स्रोत से आय केवल 25 फीसदी है. शेष राशि कहां से आ रही है, बताएं तो. विपक्ष के नेता ने कहा कि 2005 के पहले बिहार की क्या स्थिति थी? कैसी अर्थव्यवस्था थी? खजाना लूटा जा रहा था. सत्ता के संरक्षण में सारा कुछ हो रहा था. यही नहीं केन्द्र सरकार बिहार का हक कहां दे रही थी? कांग्रेस की सरकार में 13 वें वित्त आयोग ने राज्यों की क्या हिस्सेदारी तय की थी? राज्य को महज 32 फीसदी हिस्सा मिलता था. केन्द्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार आई तो राज्य की हिस्सेदारी 32 से बढ़ाकर 42 फीसदी किया गया है. हमने राज्यों को उसका अधिकार दिया है. नीतीश कुमार ने हमारे साथ मिलकर खजाना लूटने वालों से प्रदेश को बचाया था, आज फिर उन्हीं के साथ खड़े हो गए हैं.

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