कटिहार जिले से बहने वाली नारायणी नदी का पानी हो रहा प्रदूषित

नदी में स्नान से कई तरह के संक्रमण होने की आशंका

Update: 2024-03-06 08:14 GMT

कटिहार: जिले से गुजरने वाली नारायणी (गंडक )नदी का पानी प्रदूषित हो रहा है. प्रदूषण की वजह से पानी बदरंग व खरा हो गया है. ऐसे में नदी में स्नान से कई तरह के संक्रमण होने की आशंका रहती है. खासकर अक्टूबर से लेकर मई तक नदी का पानी पिछले पांच-छह वर्षों से ज्यादा प्रदूषित हो जा रहा है. नारायणी नदी से पानी का सैंपल लेकर प्रदूषण बोर्ड ने इसकी जांच करायी थी. जांच में नदी का पानी प्रदूषित पाया गया. जानकारों के अनुसार नदी में मल-मूत्र,मरे जानवर सहित अन्य अवशिष्ट पदार्थों के डाले जाने से पानी ख्राराब हो रहा है. हालांकि बारिश के दिनों में जून से सितंबर तक पानी के प्रवाह से नदी प्राय स्वच्छ रहता है. ज्ञात हो कि नेपाल से पश्चिमी चंपारण व उत्तर प्रदेश होते ही गोपालगंज होकर नारायणी नदी सोनपुर स्थित गंगा नदी में मिलती है. नदी किनारे के गांवों के लोग प्राय वर्ष भर इसमें कूड़े-कचरे व अपशिष्ट पदार्थ बहाते हैं. माघी पूर्णिमा पर नदी के घाटों पर हजारों श्रद्धालुओं ने स्नान किया. श्रद्धालु राम किशोर साह ने बताया कि दस वर्ष पूर्व नदी का पानी सालोभर निर्मल रहता था. अब नदी में स्नान करने पर शरीर में खुजली व चकत्ता हो जाता है. पानी में गंध भी आता रहता है. जितेन्द्र सिंह ने बताया कि सभी लोग जब तक जागरूक नहीं होंगे नदी हर-हमेशा स्वच्छ नहीं रहेगी. इसके लिए नदी के किनारे बसे गांवों में अभियान चलाने की जरूरत है. ग्रामीण घरों व बाजारों के कूड़े-कचरे को नदी में बहाते हैं. मरे हुए जानवर को भी लोग नदी में प्रवाहित कर देते हैं. कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहां एक लाख से अधिक श्रद्धालु अपनी आस्था की डुबकी लगाते हैं. छठ महापर्व के अवसर पर भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु महापर्व का अनुष्ठान करते हैं. नारायणी नदी के जल से महिलाएं खरना का प्रसाद भी बनती हैं.

70 हथियारों का किया गया सत्यापन

अगामी लोकसभा चुनाव को लेकर जिलेभर में 70 हथियारों का सत्यापन किया गया. पुलिस की मीडिया सेल से मिली जानकारी के अनुसार नगर थाने में 39, कुचायकोट थाने में दस, विजयीपुर थाने में 12 हथियार व एक कारतूस, बरौली थाने में चार हथियार व 11 कारतूस, सिधवलिया थाने में तीन आर्म्स व दो कारतूस को सीज किया गया.

अगलगी में 40 हजार की संपत्ति जली

थाने के बालेपुर गांव में अगलगी की घटना में फूस की झोपड़ी सहित चालीस हजार की संपत्ति जलकर खाक हो गई. घटना में अनाज, कपड़े, बिछावन, साइकिल व बर्तन आदि जल गए. अग्निपीड़ित मजदूर नथुराम ने बताया कि घटना के समय परिवार के लोग खेत में काम करने चले गए थे.

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