नालंदा न्यूज़: जिले का 6ठा ग्रिड सब स्टेशन (132/33 केवी क्षमता) चंडी में बनेगा. यहां से चंडी के अलावा नगरनौसा, थरथरी व नूरसराय प्रखंडों के पीएसएस (पावर सब स्टेशन) को निर्बाध बिजली मिलेगी. वर्तमान में चंडी को हरनौत के चेरन ग्रिड से बिजली मिलती है. दूरी अधिक रहने के कारण लो वोल्टेज और ट्रीपिंग की समस्या आती है. खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है. चंडी के जैतीपुर मोड़ के पास बने पीएसएस की खाली जमीन पर जीएसएस (ग्रिड सब स्टेशन) बनाने के लिए जमीन चिह्नित कर ली गयी है. तीन एकड़ जमीन की जरूरत है. दो एकड़ विभाग की परती जमीन वर्तमान में है. शेष डेढ़ एकड़ रैयत की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा. ग्रिड में 50 एमवीए के दो पावर ट्रांसफॉर्मर लगाये जाएंगे. निर्माण पर करीब 140 करोड़ खर्च होगा. सर्वे के बाद प्रस्ताव बनाकर पटना भेज दिया गया है. स्वीकृति मिलते ही टेंडर की प्रक्रिया होगी और निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा.
रिंग सिस्टम से जुड़ेगा ग्रिड चंडी में बनने वाले जीएसएस को रिंग सिस्टम से जोड़ा जाएगा. ताकि, यहां से बिना रुकावट सभी पीएसएस को बिजली मिलती रहे. ट्रांसमिशन डिपार्टमेंट के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर शिशिर शंकर बताते हैं कि 132 केवी की दो सर्किट लाइन बिछायी जाएगी. चंडी ग्रिड से चेरन ग्रिड तक की सर्किट लाइन की लम्बाई करीब 20 किलोमीटर होगी. जबकि, चंडी से अस्थावां के बीच बनने वाली सर्किट लाइन 40 किलोमीटर लंबी होगी.
घटेगा चेरन व बड़ी पहाड़ी जीएसएस से लोड चंडी और नगरनौसा प्रखंड के पीएसएस को वर्तमान में हरनौत के चेरन ग्रिड से बिजली दी जाती है. जबकि, नूरसराय और थरथरी को बिजली बिहारशरीफ के बड़ी पहाड़ी ग्रिस से बिजली जाती है. चंडी में ग्रिड बन जाने पर सर्किट लाइन की दूरी घटेगी.