वीकेएसयू शिक्षकों की कमी होगी दूर, कुल 15 शिक्षकों के पद पर कार्यरत हैं महज चार
बेगूसराय न्यूज़: वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग (बीएड) में शिक्षकों की कमी जल्द ही दूर होगी. एनसीटीई के मानक को पूरा करने के लिए विषयवार शिक्षक बहाल किये जायेंगे. वीर कुंवर सिंह विवि प्रशासन ने सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति के लिए आगे की प्रक्रिया पूरी करने को ले कमेटी का गठन किया है. तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर विवि बहाली के लिए विज्ञापन निकालेगा.
कमेटी का संयोजक पीजी जंतु विज्ञान के हेड प्रो अजीत कुमार सिन्हा को बनाया गया है, जबकि सदस्यों में मनोविज्ञान विभाग के वरीय प्राध्यापक डॉ लालबाबू सिंह और संस्कृत हेड डॉ अनुज रजक को रखा गया है.
कुल 15 शिक्षकों के पद पर कार्यरत हैं महज चार विवि शिक्षा विभाग (बीएड) में शिक्षकों के कुल 15 पद स्वीकृत हैं. इसके मुकाबले वर्तमान में दो गेस्ट टीचर्स और दो संविदा शिक्षक कार्यरत हैं, जबकि इंचार्ज के रूप में प्राचार्य का प्रभार देख रहे पीजी जंतु विज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ राजेश वर्मा हैं. नियम के अनुसार 15 असिस्टेंट प्रोफेसर, लैब असिस्टेंट, आफिस असिस्टेंट कम कंप्यूटर ऑपरेटर, स्टोर कीपर, टेक्निकल असिस्टेंट चाहिए. एनसीटीई के नॉर्म्स के अनुसार बीएड में नियमित शिक्षक चाहिए. पूर्व में ऐसा नहीं होने पर ही सवाल उठते रहा है. इधर, इंचार्ज डॉ राजेश वर्मा ने बताया कि शिक्षकों की कमी के मामले से यूनिवर्सिटी प्रशासन को अवगत कराया गया है. उम्मीद है कि अगले माह तक शिक्षकों की कमी दूर हो जाए.
हर विषय में एक्सपर्ट शिक्षक भी नहीं विवि नूतन परिसर में संचालित बीएड (शिक्षा विभाग ) में हर वर्ष मोटी रकम लेकर विद्यार्थियों का दाखिला लिया जाता है. मालूम हो कि शिक्षकों की कमी विभाग आज से नहीं बल्कि कई सालों से झेल रहा है. विद्यार्थियों के अनुसार हर विषय के एक्सपर्ट शिक्षक भी नहीं है. बता दें विवि के बीएड विभाग में नामांकन के दौरान प्रति छात्र डेढ़ लाख रुपए वसूले जाते हैं.
महज चार शिक्षकों के सहारे 198 विद्यार्थीविवि के शिक्षा विभाग (बीएड) में वर्तमान में दो शैक्षणिक सत्र का क्लास संचालित हैं. कुछ ही दिनों में चालू सत्र में भी नामांकन लिया जायेगा, लेकिन विभाग में शिक्षकों की कमी बरकरार है. फिलहाल महज चार शिक्षक के भरोसे 198 छात्र पढ़ाई करने को मजबूर हैं.
मानक के अनुरूप शिक्षक व कर्मियों की कमी विवि का बीएड विभाग एनसीटीई के मापदंडों पर खरा नहीं उतर रहा है. विभाग में न तो मापदंडों के अनुसार शिक्षक हैं और न ही कर्मचारी.